इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला: दो की बजाय एक जमानतदार पर भी होगी कैदी की रिहाई
इलाहाबाद।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक व मानवीय फैसले में निर्देश दिया है कि अब कैदी को जेल से रिहा करने के लिए दो जमानतदारों की अनिवार्यता नहीं होगी। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यदि एक जमानतदार उपलब्ध है, तो केवल दूसरे जमानतदार के अभाव में कैदी को जेल में बंद रखना उचित नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि उसके संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां गरीब व असहाय कैदी धनाभाव और सामाजिक स्थिति के कारण दो जमानतदार नहीं जुटा पाए और अनावश्यक रूप से लंबे समय तक जेल में बंद रहे। यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का हनन है।
कोर्ट के इस आदेश से उन सैकड़ों कैदियों को राहत मिलने की संभावना है जो महज कानूनी औपचारिकताओं के कारण रिहाई से वंचित हैं। यह फैसला न केवल न्याय प्रक्रिया को अधिक मानवीय बनाएगा बल्कि जेलों में भीड़ को भी कम करेगा।