जिला विद्यालय निरीक्षक श्री जगदीश शुक्ल की विशेष पहल
भारतीय शिक्षा बोर्ड का बस्ती में विस्तार — आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा का समन्वय
बस्ती, 2 अगस्त।
राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, बस्ती में शुक्रवार को भारतीय शिक्षा बोर्ड के विस्तार को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। जिला विद्यालय निरीक्षक श्री जगदीश प्रसाद शुक्ल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंडलायुक्त श्री अखिलेश सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भारतीयता के रंग में रंग दिया।
शिक्षा से संस्कृति का उत्थान संभव — मंडलायुक्त। मुख्य अतिथि श्री अखिलेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल जीविका का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र और संस्कृति के उत्थान का स्तंभ है। भारतीय शिक्षा बोर्ड की नई शिक्षा प्रणाली से बच्चों में आत्मगौरव, भारतीयता और वैश्विक नेतृत्व की क्षमता विकसित होगी। आधुनिक शिक्षा + प्राचीन परंपरा = समर्थ भारत बोर्ड के चेयरमैन डॉ. एन. पी. सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम आधुनिक विषयों के साथ-साथ वेद, उपनिषद, संस्कृत, योग, आयुर्वेद, दर्शन, गणित और खगोलशास्त्र जैसी भारतीय ज्ञान परंपरा को भी सम्मिलित करता है। उन्होंने कहा कि "देश की नई पीढ़ी को सिर्फ पश्चिम की नकल नहीं, भारत के मूल आत्मबोध की आवश्यकता है।" भारतीय शिक्षा बोर्ड इसी दिशा में एक ईमानदार और क्रांतिकारी पहल है।
औपनिवेशिक शिक्षा की खामियों पर विमर्श कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि आज की शिक्षा प्रणाली मैकाले की औपनिवेशिक विरासत पर आधारित है, जिसने भारतीय विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति से काट दिया है। बच्चों को वह इतिहास और विज्ञान नहीं पढ़ाया जा रहा, जो भारत के ऋषियों, वैज्ञानिकों और दार्शनिकों ने हजारों वर्षों पूर्व विकसित किया था।
संस्कृत को पुनः प्रतिष्ठा दिलाने का आह्वान बोर्ड के सचिव श्री राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि संस्कृत न केवल भारत की आत्मा है, बल्कि आज भी वैज्ञानिक दृष्टि से दुनिया की सबसे सशक्त भाषा मानी जाती है। उन्होंने सभी विद्यालयों से भारतीय शिक्षा बोर्ड से संबद्धता लेने का आग्रह किया।
"शिक्षा नहीं, साधना बने" — जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यक्रम के समापन पर जिला विद्यालय निरीक्षक श्री जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि यह शिक्षा प्रणाली केवल 'डिग्री' नहीं, बल्कि 'संस्कार, साक्षात्कार और सेवा' का मार्ग प्रशस्त करेगी। बस्ती जनपद के अधिकतम विद्यालयों को इस बोर्ड से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका मानवी सिंह ने किया और अतिथियों का परिचय श्री उपेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने कराया।
इस अवसर पर भारत स्वाभिमान समिति, पतंजलि योग समिति, जिला शिक्षा विभाग, और समाज के अन्य प्रमुख नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह केवल शिक्षा नहीं, संस्कृति की पुनर्प्रतिष्ठा है।
भारतीय शिक्षा बोर्ड —"जहाँ ज्ञान हो आध्यात्मिक, विज्ञान हो नैतिक, और जीवन बने आत्मगौरव का उदाहरण।"