एटीएस ने दबोचा रोहिंग्या, बांग्लादेशी व विदेशियों को फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाने कराने वाला गिरोह! सरगना समेत 8 गिरफ्तार
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
यूपी में लोकल इंटेलिजेंस के सहयोग से एटीएस ने गुरुवार को रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरोह के सरगना समेत 8 साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस को भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, भारतीय दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल, फिंगर स्कैनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिले हैं। जानकारी के अनुसार
आज़मगढ़, गोरखपुर, मऊ, सहारनपुर, औरैया, गाजियाबाद, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली एनसीआर तक फैले इस नेटवर्क के सदस्य जन सेवा केंद्र की आड़ में वीपीएन और रिमोट सिस्टम का इस्तेमाल कर फर्जी आधार कार्ड और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रहे थे। एटीएस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र जैसे फर्जी दस्तावेज बनाकर विदेशी नागरिकों को आधार कार्ड उपलब्ध कराता था। इसके बाद इन्हीं आधारों पर पासपोर्ट बनवाकर रोहिंग्या-बांग्लादेशियों समेत कई विदेशी नागरिकों को भारत में वैध पहचान दिलाई जा रही थी। फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों से गिरोह के सदस्य मोटी रकम वसूलते थे। इन कार्डों का इस्तेमाल न सिर्फ पहचान के लिए बल्कि सरकारी योजनाओं में अवैध लाभ लेने के लिए भी किया जा रहा था।लोकल इंटेलिजेंस से जुड़े लोगों का कहना है कि ये घृणित कार्य केवल पैसे के लिये नहीं हो रहा है। इसमें धार्मिक ऐंगल भी है। पहले ये लोग बांग्लादेशियों और रोहनगियों का बंगाल-बिहार का परिचय पत्र बनाते थे। फिर बाद में यूपी, दिल्ली और महाराष्ट्र का पेपर बना कर पासपोर्ट बनवाने की कोशिश करते थे। अब सीधे देश के अंदर दिल्ली, हरियाणा, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में भी बड़ी संख्या में अड्डे बना लिये हैं। यह गिरोह घूम-घूम कर काम करता है।इस लिये जब तक पुलिस पकड़ने का जाल बुनती है ये अड्डा बदल देते हैं। इस लिये बिना एटीएस और एसटीएफ के बिना सहयोग के इन्हें पकड़ना मुश्किल होता जा रहा है।
इस मामले में पुलिस की छापेमारी में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें मोहम्मद नसीम और मोहम्मद शाकिब आजमगढ़ से, हिमांशु राय और मृत्युंजय गुप्ता मऊ से, सलमान अंसारी गाजियाबाद से, गौरव कुमार गौतम औरेया से, राजीव तिवारी गोरखपुर से और विशाल कुमार को आजमगढ़ से पकड़ा गया है।गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड, जन्म और निवास प्रमाण पत्र बरामद किए हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी मिले हैं। छानबीन के दौरान पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल फोन और फिंगर स्कैनर जैसे उपकरण जब्त किए, जिनका इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज तैयार करने में किया जा रहा था।गिरोह के खिलाफ 19 अगस्त को एटीएस थाना लखनऊ में मुकदमा पंजीकृत किया गया। इसके बाद लगातार दबिश देकर अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस रिमांड पर लेकर इनसे और पूछताछ की जाएगी, जिससे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान हो सके।