संघर्षशील शिक्षकों की आवाज़, संजय द्विवेदी

 

 संघर्षशील शिक्षकों की आवाज़,  संजय द्विवेदी

संतकबीरनगर, उत्तरप्रदेश 


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा पुरानी पेंशन बहाली, वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा सुरक्षा, तदर्थ शिक्षकों के विनियमन और शिक्षा व्यवस्था की खामियों के खिलाफ दिया गया यह धरना न सिर्फ शिक्षकों की मांगों को बल देता है, बल्कि यह साफ संकेत भी है कि शिक्षक अब अन्याय के विरुद्ध संगठित होकर संघर्ष का मार्ग चुन चुके हैं।

प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी का “संघर्षों के दम पर लेकर रहेंगे पुरानी पेंशन” का संकल्प शिक्षकों के आत्मसम्मान और उनके भविष्य की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जिलाध्यक्ष महेश राम और जिला मंत्री गिरजानंद यादव द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक की मनमानी, हाजिरी व्यवस्था, मूल्यांकन पारिश्रमिक, किताबों की अनुपलब्धता और अन्य गम्भीर अव्यवस्थाओं पर उठाई गई आवाज़ प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है।

यह आंदोलन केवल अधिकारों की लड़ाई नहीं है, यह एक शिक्षक की गरिमा और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए भी है। सरकार को चाहिए कि इस गंभीर आवाज़ को सुने, संवाद स्थापित करे और शिक्षकों की मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करे। अन्यथा यह आंदोलन व्यापक रूप ले सकते हैं.

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