बस्ती: सीएमओ की शह पर फर्जी डॉक्टरों का खेल, गरीब मरीजों की ज़िंदगी दाँव पर,नर्सिंग होम्स बने यमराज के स्थाई घर.
बस्ती, 10 अगस्त — जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़ाक बना देने वाली चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। बताया जा रहा है कि जनपद में करीब 18 से 20 नर्सिंग होम ऐसे हैं जहाँ कथित “डॉक्टर” बिना योग्यता और पंजीकरण के गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं। इनमें कई होम्योपैथिक या झोलाछाप तथाकथित चिकित्सक भी हैं, जो खुलेआम सर्जरी और बड़े ऑपरेशन कर रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की अनदेखी ही नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष सहमति के कारण यह धंधा फल-फूल रहा है। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा — “यह ठीक वैसा ही है जैसे बंदर के हाथ में असलहा पकड़ा देना। यहाँ जीवनरक्षक व्यवस्था की कमान उन लोगों के हाथ में है जो खुद ही मरीजों के लिए जानलेवा खतरा हैं।”
इन नर्सिंग होम्स में गरीब और अंजान मरीज सस्ते इलाज के लालच में पहुँचते हैं, लेकिन अनभिज्ञता और लापरवाही का खामियाजा उन्हें या तो जीवनभर की अपंगता के रूप में, या कभी-कभी मौत के रूप में चुकाना पड़ता है। कई मामलों में ऑपरेशन के दौरान संक्रमण, गलत दवाई, या लापरवाही से गंभीर हालत बनने की शिकायतें आई हैं, मगर प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जनता का आक्रोश
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह न केवल चिकित्सा अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि मानवाधिकारों का खुला हनन भी है। “स्वास्थ्य विभाग का दायित्व जनता की जान की रक्षा करना है, न कि मुनाफाखोर नकली डॉक्टरों को संरक्षण देना,” एक स्थानीय समाजसेवी ने कहा।
कार्रवाई की माँग
जनपद में अब आवाज़ उठने लगी है कि इन नर्सिंग होम्स की सूची सार्वजनिक की जाए, योग्यता रहित डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज हो, और सीएमओ कार्यालय की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही तय हो, ताकि भविष्य में गरीब मरीजों की ज़िंदगी के साथ ऐसा खिलवाड़ न हो।नर्सिंग होम्स की सूची....लंबी.