उत्तर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और इसमें योगी आदित्यनाथ सरकार का योगदान उल्लेखनीय रहा है। सहकारिता क्षेत्र, विशेष रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने, किसानों की आय बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। योगी सरकार ने सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने और उनके दायरे को विस्तृत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जो नीचे वर्णित हैं:
उत्तर प्रदेश में सहकारिता के बढ़ते चरण
प्राथमिक सहकारी समितियों का सशक्तिकरण:
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) को डिजिटल और आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया है। केंद्र सरकार की योजनाओं के तालमेल में, योगी सरकार ने PACS को मल्टी-सर्विस सेंटर के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया है। इन समितियों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है।
PACS अब केवल ऋण वितरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये उर्वरक, बीज, और अन्य कृषि सामग्री की आपूर्ति के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य सेवाएं भी प्रदान कर रही हैं।
किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन:
योगी सरकार ने सहकारी मॉडल के तहत किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को बढ़ावा दिया है। वर्ष 2025 तक, उत्तर प्रदेश में हजारों FPO स्थापित किए गए हैं, जो किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर बाजार और मूल्य सुनिश्चित कर रहे हैं।
इन संगठनों ने किसानों को सामूहिक खेती, विपणन, और मूल्य संवर्धन की दिशा में सशक्त बनाया है।
सहकारी बैंकों और वित्तीय समावेशन:
उत्तर प्रदेश में सहकारी बैंकों को पुनर्जनन और सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इन बैंकों के माध्यम से किसानों और छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सरकार ने सहकारी बैंकों के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
सहकारी क्षेत्र में रोजगार सृजन:
सहकारी समितियों और FPO के माध्यम से ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। खासकर, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में सहकारी मॉडल ने स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है।
सरकार ने सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों को भी प्रोत्साहित किया है।
महिलाओं की भागीदारी:
सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सहकारी मॉडल के साथ जोड़ा गया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ का सहयोग
नीतिगत सुधार और पहल:
योगी आदित्यनाथ ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नीतिगत सुधारों को प्राथमिकता दी है। सहकारी समितियों के लिए बजट आवंटन बढ़ाया गया है, और केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे "सहकार से समृद्धि" को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रशिक्षण पर जोर दिया है।
किसानों के लिए विशेष योजनाएं:
योगी सरकार ने सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सस्ते ऋण, उर्वरक, और बीज उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। उदाहरण के लिए, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) को सहकारी बैंकों के साथ जोड़ा गया है, जिससे लाखों किसानों को लाभ हुआ है।
"एक पेड़ मां के नाम" जैसे अभियानों में सहकारी संगठनों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है, जिसमें 15,000 FPO ने हिस्सा लिया।
बुनियादी ढांचे का विकास:
योगी सरकार ने सहकारी क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया है। उदाहरण के लिए, गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना में सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी गई है।
रामगंगा पुल जैसे परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है, जिससे सहकारी समितियों को बाजार तक पहुंचने में आसानी हुई है।
जनता दर्शन और समस्याओं का समाधान:
योगी आदित्यनाथ ने "जनता दर्शन" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सहकारी समितियों से जुड़े लोगों की समस्याओं को सुना और उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया है। यह सहकारी क्षेत्र में विश्वास बढ़ाने में मददगार रहा है।
सांस्कृतिक और सामाजिक सहयोग:
योगी सरकार ने सहकारी समितियों को सामाजिक और सांस्कृतिक पहलकदमियों में शामिल किया है। उदाहरण के लिए, कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों में सहकारी संगठनों ने स्वच्छता और जनसुविधा केंद्रों के संचालन में योगदान दिया है।
प्रमुख उपलब्धियां
हरित क्षेत्र में वृद्धि: सहकारी संगठनों की मदद से उत्तर प्रदेश ने वृक्षारोपण में देश में दूसरा स्थान हासिल किया है, जिसमें 37 करोड़ पौधे एक दिन में लगाए गए।
आर्थिक विकास: सहकारी मॉडल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, जिससे उत्तर प्रदेश को "उत्तम प्रदेश" बनाने की दिशा में प्रगति हुई है।
निवेश और रोजगार: सहकारी क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने स्टार्टअप्स और FPO को प्रोत्साहित किया है।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। सहकारी समितियों को तकनीकी, वित्तीय, और नीतिगत सहयोग प्रदान करके सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है। यह न केवल किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए आर्थिक अवसर सृजित कर रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक प्रगति में अग्रणी बनाने में भी योगदान दे रहा है।
उत्तर प्रदेश में सहकारिता के बढ़ते चरण
प्राथमिक सहकारी समितियों का सशक्तिकरण:
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) को डिजिटल और आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया है। केंद्र सरकार की योजनाओं के तालमेल में, योगी सरकार ने PACS को मल्टी-सर्विस सेंटर के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया है। इन समितियों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है।
PACS अब केवल ऋण वितरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये उर्वरक, बीज, और अन्य कृषि सामग्री की आपूर्ति के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य सेवाएं भी प्रदान कर रही हैं।
किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन:
योगी सरकार ने सहकारी मॉडल के तहत किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को बढ़ावा दिया है। वर्ष 2025 तक, उत्तर प्रदेश में हजारों FPO स्थापित किए गए हैं, जो किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर बाजार और मूल्य सुनिश्चित कर रहे हैं।
इन संगठनों ने किसानों को सामूहिक खेती, विपणन, और मूल्य संवर्धन की दिशा में सशक्त बनाया है।
सहकारी बैंकों और वित्तीय समावेशन:
उत्तर प्रदेश में सहकारी बैंकों को पुनर्जनन और सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इन बैंकों के माध्यम से किसानों और छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सरकार ने सहकारी बैंकों के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
सहकारी क्षेत्र में रोजगार सृजन:
सहकारी समितियों और FPO के माध्यम से ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। खासकर, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में सहकारी मॉडल ने स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है।
सरकार ने सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों को भी प्रोत्साहित किया है।
महिलाओं की भागीदारी:
सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सहकारी मॉडल के साथ जोड़ा गया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ का सहयोग
नीतिगत सुधार और पहल:
योगी आदित्यनाथ ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नीतिगत सुधारों को प्राथमिकता दी है। सहकारी समितियों के लिए बजट आवंटन बढ़ाया गया है, और केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे "सहकार से समृद्धि" को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रशिक्षण पर जोर दिया है।
किसानों के लिए विशेष योजनाएं:
योगी सरकार ने सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सस्ते ऋण, उर्वरक, और बीज उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। उदाहरण के लिए, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) को सहकारी बैंकों के साथ जोड़ा गया है, जिससे लाखों किसानों को लाभ हुआ है।
"एक पेड़ मां के नाम" जैसे अभियानों में सहकारी संगठनों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है, जिसमें 15,000 FPO ने हिस्सा लिया।
बुनियादी ढांचे का विकास:
योगी सरकार ने सहकारी क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया है। उदाहरण के लिए, गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना में सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी गई है।
रामगंगा पुल जैसे परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है, जिससे सहकारी समितियों को बाजार तक पहुंचने में आसानी हुई है।
जनता दर्शन और समस्याओं का समाधान:
योगी आदित्यनाथ ने "जनता दर्शन" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सहकारी समितियों से जुड़े लोगों की समस्याओं को सुना और उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया है। यह सहकारी क्षेत्र में विश्वास बढ़ाने में मददगार रहा है।
सांस्कृतिक और सामाजिक सहयोग:
योगी सरकार ने सहकारी समितियों को सामाजिक और सांस्कृतिक पहलकदमियों में शामिल किया है। उदाहरण के लिए, कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों में सहकारी संगठनों ने स्वच्छता और जनसुविधा केंद्रों के संचालन में योगदान दिया है।
प्रमुख उपलब्धियां
हरित क्षेत्र में वृद्धि: सहकारी संगठनों की मदद से उत्तर प्रदेश ने वृक्षारोपण में देश में दूसरा स्थान हासिल किया है, जिसमें 37 करोड़ पौधे एक दिन में लगाए गए।
आर्थिक विकास: सहकारी मॉडल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, जिससे उत्तर प्रदेश को "उत्तम प्रदेश" बनाने की दिशा में प्रगति हुई है।
निवेश और रोजगार: सहकारी क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने स्टार्टअप्स और FPO को प्रोत्साहित किया है।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। सहकारी समितियों को तकनीकी, वित्तीय, और नीतिगत सहयोग प्रदान करके सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है। यह न केवल किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए आर्थिक अवसर सृजित कर रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक प्रगति में अग्रणी बनाने में भी योगदान दे रहा है।