राजेंद्र नाथ तिवारी,
"नेतृत्व की असली और नकली पहचान!"मोदी जबरदस्त नेता हैं — जनता ने चुना, संघर्ष से उभरे, नेतृत्व में दम है।
राहुल गांधी जबरदस्ती के नेता हैं — परिवार ने थोपा, संघर्ष केवल भाषणों में, नेतृत्व गुम है और दोनों में एक अद्भुत समानता जरूर है:
मोदी कांग्रेस को डुबाने में बाहर से लगे हैं...
और राहुल गांधी अंदर से कांग्रेस को तहस-नहस करने में जुटे हैं! फर्क बस इतना है कि मोदी ने कांग्रेस को विपक्ष बना दिया और राहुल गांधी ने कांग्रेस को 'मज़ाक' बना दिया।
कांग्रेस आज वहाँ पहुंच गई है जहां जनता उसे गंभीरता से नहीं, दया से देखती है।
क्योंकि जो पार्टी खुद तय नहीं कर सकती कि नेता चाहिए या वंशज — वो देश को दिशा क्या देगी?