जौनपुर।
कोरोना का कहर अभी समाप्त नहीं हुआ, तब तक प्रकृति का कहर बरप पड़ा है। सब्जी की खेती चैपट हो गई है। अत्यधिक बरसात के चलते इन किसानों की कमर ही टूट गई है। सब्जियों केे खेतों में जल जमाव हो गया है। हरी सब्जी के खेत पानी से भर गए हैं। किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके नुकसान की भरपाई आखिर कैसे होगी। सबसे अधिक दिक्कत कर्ज लेकर अपनी जीविका व जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले किसानों को महसूस हो रही जिन्होंने सब्जी की खेती की है। वे अपने खेतों की हालत देख कर चिंता में डूब गए हैं।
किसानों ने बताया कि लौकी, नेनुआ, भिडी, खीरा, करेला, हरी मिर्च, तरोई, बोड़ा आदि की खेती की है। इन खेतों में भी अतिवृष्टि के चलते जलजमाव हो गया है। ऐसे में उनकी फसल अत्यधिक पानी के चलते सड़ने की स्थिति में पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि एक तो कोरोना के कारण उनके खेतों में पैदा होने वाली सब्जियां बाहर नहीं जा पा रही थीं। ऐसे में उन्हें औने- पौने दामों पर बेचकर किसी तरह जीविका चल रही थी। इसी बीच अतिवृष्टि ने फसलों को अपने आगोश में ले लिया है। किसानों ने अपनी फसलों की बर्बादी की भरपाई करने के लिए जिला प्रशासन व सरकार से सहायता की मांग की है।