बीडीओ का दबंगई रूप! पत्रकार को गौशाला व गौवंश पर सवाल पूछना पड़ा महंगा – मुख्यमंत्री व भाजपा पर की अभद्र टिप्पणी
बस्ती।
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जिले के विक्रमजोत ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) अवध प्रताप सिंह का रवैया सवालों के घेरे में है। गौशालाओं में गौवंश की सुरक्षा, टीकाकरण और संरक्षण से जुड़े सवाल पूछने पर बीडीओ आग बबूला हो उठे। आरोप है कि उन्होंने पत्रकार अशोक मिश्र के साथ न केवल अभद्रता की, बल्कि सड़कछाप गुंडे की तरह उन्हें अपने चेम्बर से बाहर खदेड़ दिया।
पत्रकार ने डीएम को दी लिखित शिकायत में बताया है कि 11 सितम्बर 2025 को सुबह 10:50 बजे बीडीओ के चेम्बर में गौशालाओं की स्थिति पर सवाल उठाने मात्र से अधिकारी अपना आपा खो बैठे। पहले तो जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए बोले कि गौवंश उनका विषय नहीं है, फिर बुरी तरह भड़ककर मुख्यमंत्री तक पर अभद्र टिप्पणी कर डाली। इतना ही नहीं, भाजपा संगठन और सरकार को भी खुली चुनौती दे डाली।
पत्रकार के मुताबिक बीडीओ ने दबंगई दिखाते हुए धमकी दी कि “अब विक्रमजोत मुख्यालय पर दिखाई मत देना, नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा।” यहां तक कह दिया कि “जिले का कोई अधिकारी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, डीएम और सीडीओ हमारे जूते की धूल हैं।”
सूत्रों के हवाले से यह भी आरोप है कि बीडीओ ने गौतस्करों का महिमामंडन किया और भाजपा तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपमानजनक टिप्पणी की। सवाल यह उठता है कि जब एक पत्रकार के साथ खंड विकास अधिकारी इस तरह की दबंगई कर सकते हैं तो आम जनता के साथ उनका व्यवहार कैसा होगा?
यह प्रकरण न सिर्फ कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है, बल्कि पूरे सिस्टम को चुनौती देने जैसा है। मुख्यमंत्री और संगठन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना किसी भी सूरत में क्षम्य नहीं कहा जा सकता।
अब बस्ती जिले की जनता और प्रशासन की निगाहें जिला अधिकारी पर टिकी हैं कि क्या इस दबंग अफसर पर कड़ी कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा।