राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण: लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम के माध्यम
से निःशुल्क न्याय सुनिश्चितबस्ती, उत्तरप्रदेश
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा संचालित लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम (LADCS) के तहत जिला कारागारों में निरुद्ध और रिमांड स्तर पर अभियुक्तों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस पहल से न केवल जरूरतमंद लोगों को त्वरित और प्रभावी कानूनी सहायता मिल रही है, बल्कि निःशुल्क न्याय प्रणाली के प्रति जनता का विश्वास भी निरंतर बढ़ रहा है।
बस्ती जिला कारागार में उल्लेखनीय कार्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्ती के अध्यक्ष व जिला जज माननीय श्री विनय कुमार द्विवेदी के दिशा-निर्देशन और सचिव व अपर जिला जज माननीय श्री अनिल कुमार के मार्गदर्शन में LADCS द्वारा जिला कारागार, बस्ती में निरुद्ध बंदियों को लगातार विधिक सहायता प्रदान की जा रही है। चीफ लीगल एड डिफेन्स काउंसिल श्री कौशल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि अगस्त माह में 19 व्यक्तियों को जिला कारागार, बस्ती से पैरवी के माध्यम से रिहा कराया गया। इसके अतिरिक्त, सत्र मामलों में 19 साक्षियों की प्रति-परीक्षा की गई।
असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउंसिल श्री नितीश कुमार श्रीवास्तव और सुश्री दीप्ति पाण्डेय ने रिमांड स्तर पर 22 अभियुक्तों को विधिक सहायता प्रदान की, 5 अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किए, और 13 व्यक्तियों को, जो जमानत की शर्तों के अभाव में निरुद्ध थे, जमानत शर्तों में छूट के साथ माननीय न्यायालय से रिहा कराया गया। साथ ही, दो मामलों को अंतिम रूप से निर्णित किया गया।
निरंतर विधिक जागरूकता और सहायता डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सुश्री शैलजा कुमार पाण्डेय द्वारा जिला कारागार, बस्ती में निरंतर विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन और सहायता प्रदान की जा रही है। श्री कौशल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि LADCS गिरफ्तारी के समय से लेकर अभिरक्षा और रिमांड स्तर तक विधिक परामर्श उपलब्ध कराता है। माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, गिरफ्तारी के समय अभियुक्त को यह सूचित करना अनिवार्य है कि वह चाहे तो निःशुल्क विधिक परामर्श प्राप्त कर सकता है। इस जानकारी को सभी थानों में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उच्च न्यायालय और अपील में सहायता जिन अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा अस्वीकार कर दिए जाते हैं, उनके मामलों को उच्च न्यायालय विधिक सेवा परामर्श समिति को संदर्भित किया जा रहा है। इसके अलावा, दोषसिद्ध अभियुक्तों की अपील जिला कारागार के माध्यम से प्रेषित की जा रही है। LADCS की प्रभावी पैरवी के चलते उन बंदियों को भी राहत मिल रही है, जिनकी जमानत स्वीकार होने के बावजूद जमानतदार के अभाव में रिहाई संभव नहीं हो पा रही थी।
नागरिकों के लिए अपील श्री कौशल किशोर श्रीवास्तव ने आम जनता से अपील की कि किसी भी आपराधिक मामले में, चाहे वह मुकदमा दर्ज होने से पहले हो या गिरफ्तारी के बाद, वे LADCS के पदाधिकारियों से संपर्क कर निःशुल्क विधिक परामर्श और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि LADCS नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और इसके लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम के माध्यम से देश भर में जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण विधिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह पहल न केवल न्याय तक पहुंच को सुगम बना रही है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास को भी सुदृढ़ कर रही है।
संपर्क जानकारी: अधिक जानकारी के लिए, नागरिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्ती या LADCS के पदाधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।