डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंटर कॉलेज में सोल्लास मनाई गई तुलसीदास जयंती भक्ति, नीति और राष्ट्रधर्म के युगपुरुष को काव्यांजलि अर्पित




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डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंटर कॉलेज में सोल्लास मनाई गई तुलसीदास जयंती

भक्ति, नीति और राष्ट्रधर्म के युगपुरुष को काव्यांजलि अर्पित

बस्ती। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंटर कॉलेज में बुधवार को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और विद्वानों ने संत तुलसीदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भारतीय संस्कृति का अमर दीप बताया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य श्री सुजीत  कुमार ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित रामसागर यादव ने कहा कि “तुलसीदास न केवल एक भक्त कवि थे, बल्कि वे समाज सुधारक, दर्शनशास्त्री और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के अग्रदूत भी थे। उन्होंने उस काल में जब धर्म संकट में था, रामचरितमानस जैसी वाणी से जन-जन को प्रकाश दिया।”

विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत राम स्तुति, दोहा गायन और तुलसी जीवन पर नाट्य मंचन ने श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। छात्र-छात्राओं ने “तुलसी की दृष्टि में आदर्श समाज”, “रामराज्य का स्वप्न” और “भक्ति की भारतीय परंपरा” विषयों पर भाषण भी दिए।

शिक्षक  राघवेंद्र भट्ट ने कहा कि तुलसीदास के दोहे आज भी जीवन के प्रत्येक पहलू में मार्गदर्शन करते हैं। “बड़े भाग मानुष तनु पावा, सुर दुर्लभ सदग्रंथन गावा” जैसे दोहों के माध्यम से उन्होंने मनुष्य जीवन की गरिमा को प्रतिष्ठा दी।

इस अवसर पर कॉलेज में तुलसी वाणी पर एक पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें विद्यार्थियों ने सुंदर चित्रों और सूक्तियों से तुलसी दर्शन को जीवंत किया।

कार्यक्रम के अंत में श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए सभी ने यह संकल्प लिया कि संत तुलसीदास की शिक्षाओं को न केवल पढ़ा जाए, बल्कि आचरण में उतारा जाए।

“रामचरितमानस” केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि भारतीय आत्मा की आवाज़ है — यह बात आयोजन में बार-बार गूंजती रही।






 

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