विदेशी फंडिंग से संचालित लव जिहाद का एक और रैकेट यूपी में पकड़ा गया,
6 राज्यों में सैकड़ों धर्मांतरण करवाया, 10 गिरफ्तार।
बस्ती,लखनऊ, उत्तरप्रदेश
जिस तरह से एक के बाद एक हिंदू युवक-युवतियों को टारगेट कर मुस्लिम बनाने के अनगिनत गिरोह सामने आ रहे हैं, ऐसा लगता है कि "द केरला फाइल्स" जैसी फिल्में ट्रेलर हैं। फिल्म अभी बाकी है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के बाद यूपी में धर्मांतरण के एक और गैंग का खुलासा हुआ। यह आतंकी संगठन आईएसआईएस मॉड्यूल की तरह काम करता है।कम उम्र की हिंदू लड़के-लड़कियों का ब्रेन वॉश करता, फिर धर्मांतरण करवाता। जब आगरा में 2 सगी बहनों ने घर से भागकर धर्मांतरण किया। तब जांच के दौरान मामले की तह तक जाने के बाद पुलिस को इस गैंग का क्लू मिला। जांच की तो कड़ी से कड़ी जुड़ती चली गई। अब तक 6 राज्यों से एक युवती समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को आगरा कोर्ट में इनको पेश किया गया।शनिवार को ही डीजीपी राजीव कृष्ण, एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने इस हाईप्रोफाइल मामले में लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा- यह पूरा नेटवर्क ब्रेन वॉश और लव जिहाद की तरह काम करता है।
ये गैंग लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता। फिर उनका निकाह करा देता था। युवकों को ये लोग दौलत और ऐशो-आराम का लालच देते थे।यह गैंग यूपी समेत 6 राज्यों में धर्मांतरण करवाता है।धर्मांतरण के लिए यूएस, दुबई और कनाडा से फंडिंग हो रही थी। इसका एक सोर्स भी मिला है, जिसमें कनाडा से भी फंडिंग हुई थी। भारत मे अन्य धर्मों से जुड़े युवक-युवतियों को धर्मांतरण कराने के लिए इंटरनेशनल फंडिंग भी मिल रही है। ये लोग बहुत संगठित तरीके से यह काम करते थे। इनके तार प्रतिवंधित संगठन पीएफआई, एसडीपीआई, और पाकिस्तान के आतंकी संगठन से जुड़े मिले हैं। जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें आयशा नाम की लड़की भी है। आयशा की एके 47 के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीर मिली है, जो आईएसआईएस मॉड्यूल का हिस्सा रही है।ये सभी अपनी पहचान छुपाकर काफी लंबे समय से धर्मांतरण करवाते थे। डीजीपी के अनुसार इसकी चेन में ऊपर के लोग भी होंगे। उनके नाम इनसे पूछताछ के बाद पता चलेंगे। शुरुआती पूछताछ में इन्होंने बताया कि आगरा के अलावा कई और जगह ये धर्मांतरण कराते थे। जांच के दौरान बंगाल, गोवा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड में 11 जगहों पर टीम को भेजा गया। जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनसे लव जिहाद के प्रूफ मिले हैं। इन 10 की अलग-अलग जिम्मेदारी थी। कोई फंडिंग करता तो कोई बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन और शादी करवाता। डीजीपी ने कहा कि अब तक की जानकारी के मुताबिक, इन लोगों ने सैकड़ों लोगों के धर्मांतरण करवाए हैं।
बता दें कि आगरा के सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली 2 सगी बहनें 24 मार्च को शहर छोड़कर चली गई थीं। इनके पिता ने बेटियों की गुमशुदगी की एप्लिकेशन सदर थाने में दी। पिता ने पुलिस को बताया था कि उनकी बड़ी बेटी ने डीईआई से पढ़ाई की है, वह एमफिल है। वह 2021 में घर छोड़कर चली गई थी।
बेटी की दोस्ती उधमपुर, जम्मू-कश्मीर की रहने वाली साइमा उर्फ खुशबू से है। उसने ही बेटी का 'ब्रेनवॉश' किया। काफी समझाने-बुझाने पर उनकी बड़ी बेटी घर लौटी थी। दोबारा घर आकर उसने अपनी छोटी बहन का भी 'ब्रेनवॉश' कर दिया। इसके बाद दोनों बेटियां घर से भाग गईं। पुलिस से सहयोग नहीं मिलने पर पीड़ित पिता अपनी दोनों बेटियों की तलाश में इधर-उधर भटकता रहा। तमाम कोशिशों के बाद दोनों बेटियों के गायब होने के 41 दिन बाद (4 मई, 2025) पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया। इसमें साइमा उर्फ खुशबू को नामजद किया गया। पुलिस ने छानबीन की, तो जो बातें सामने आईं वह जान कर पुलिस की चौंक गयी। पता चला कि दोनों बहनें धर्मांतरण की मुहिम से जुड़ गई हैं। ठीक उसी अंदाज में जैसे फिल्म 'द केरल स्टोरी' में युवतियां, दूसरी युवतियों को फंसाती दिखती हैं। इस जानकारी के बाद पुलिस हरकत में आई और जांच साइबर क्राइम पुलिस को दी गई। इसके बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने इस पर संज्ञान लिया। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने खुद पूरे मामले को देखना शुरूकिया। एडीसीपी सिटी आदित्य के नेतृत्व में 7 टीमें बनाई गईं। सर्विलांस, साइबर सेल से पुलिस को अहम जानकारियां मिलीं। उसके बाद पुलिस की छापेमारी शुरू हुई। पुलिस की एक टीम बैरकपुर (कोलकाता) गई।
सबसे पहले वहां से दोनों सगी बहनों के बारे में जानकारी जुटाई, उन्हें सुरक्षित किया। उसके बाद बैरकपुर छावनी में बकर महल निवासी शेखर रॉय उर्फ हसन अली को पकड़ा। आरोपी बारासात कोर्ट में कर्मचारी है।उससे हुई पूछताछ के आधार पर गोवा से एक महिला आयशा (एसबी कृष्णा) को पकड़ा। कोलकाता से अली हसन उर्फ शेखर रॉय, यहीं से ओसामा, आगरा से रहमान कुरैशी, मुजफ्फरनगर के खालापार से अब्बू तालिब, देहरादून से अबुर रहमान, जयपुर से मोहम्मद अली और जुनैद कुरैशी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में कई हिंदू थे, जो धर्मांतरण करके मुस्लिम बन गए थे। बाद में यह उसी गैंग का हिस्सा बन गए और लड़के-लड़कियों को धर्मांतरण करके मुस्लिम बनाने लगे।