मैं अपनी ओर से कुछ भी नहीं जोड़ रहा,भारत का साफ स्टैंड है शक्ति की उपासना
,भारत ने ही स्वयंमेव मृगेन्द्रता का पथ अपनाया है आज भारत का नेतृत्व विश्व को चुनौती दे रहा, न दैन्यम न पलायनम ही तत्कालीन महाभारत के अर्जुन और आज अर्जुन नरेंद्र मोदी का है.इसी का सु परिणाम है भारत चौथी महाशक्ति बन चुका है.
अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स का मानना है कि वाशिंगटन का वैश्विक प्रभुत्व अब समाप्त हो चुका है और हम एक बहुध्रुवीय दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, जहाँ भारत, रूस और चीन जैसे देश नई विश्व व्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए चीन को अपनी विस्तारवादी नीतियों से पीछे हटकर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए रचनात्मक कदम उठाने होंगे, वरना भारत को अपने हितों की रक्षा के लिए अमेरिका और यूरोप के साथ सामरिक गठजोड़ करना ही पड़ेगा. हालांकि, वो रूस को भी नहीं छोड़ेगा. वहीं अमेरिका और यूरोप को भी भारत की बहुत जरूरत है. चीन को रोकने के लिए अमेरिका और यूरोप को भारत की जरूरत पड़नी ही पड़नी है.
अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स का मानना है कि वाशिंगटन का वैश्विक प्रभुत्व अब समाप्त हो चुका है और हम एक बहुध्रुवीय दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, जहाँ भारत, रूस और चीन जैसे देश नई विश्व व्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए चीन को अपनी विस्तारवादी नीतियों से पीछे हटकर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए रचनात्मक कदम उठाने होंगे, वरना भारत को अपने हितों की रक्षा के लिए अमेरिका और यूरोप के साथ सामरिक गठजोड़ करना ही पड़ेगा. हालांकि, वो रूस को भी नहीं छोड़ेगा. वहीं अमेरिका और यूरोप को भी भारत की बहुत जरूरत है. चीन को रोकने के लिए अमेरिका और यूरोप को भारत की जरूरत पड़नी ही पड़नी है.