वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रबुद्ध संगोष्ठी: सूर्य प्रताप शाही ने बताया फायदे, कहा - आओ मिलकर हाथ बढ़ाएं

 वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रबुद्ध संगोष्ठी: सूर्य प्रताप शाही ने बताया फायदे, कहा - आओ मिलकर हाथ बढ़ाएं



बस्ती। उत्तरप्रदेश 
एक निजी मैरेज हॉल में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विषय पर एक प्रबुद्ध समागम संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए कहा कि एनडीए सरकार विकसित भारत के निर्माण की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
मंत्री शाही ने बताया कि सरकार ने इस मुद्दे पर देश की 52 से अधिक राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रित किया था, जिनमें से 42 पार्टियों ने इसका समर्थन किया जबकि 13-14 पार्टियों ने विरोध दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि देश की अधिकांश जनता ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के पक्ष में है।
उन्होंने कहा कि यदि देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं तो लगभग ₹4.5 लाख करोड़ की बचत हो सकती है, जो देश की जीडीपी का लगभग 1.5 प्रतिशत है। इस धनराशि से देश के विकास में नए अध्याय जोड़े जा सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन तथा राज्यों की विधानसभाओं में भी बदलाव आवश्यक होंगे, जिसके लिए दो-तिहाई बहुमत और राज्यों की सहमति जरूरी है।
विवेकानंद मिश्र ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इस पहल का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, सार्वजनिक खर्च में भारी कटौती करना तथा नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करना है। उन्होंने बताया कि सरकार इस दिशा में जनजागरूकता अभियान चला रही है और जनपद स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को इसके लाभ बताए जा रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन कसौधन ने किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक रवि सोनकर, यशकान्त सिंह, राकेश श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, अनूप खरे, दिलीप पाण्डेय, आशा सिंह, अमृत कुमार वर्मा, अभिनव उपाध्याय, अभिषेक कुमार, अंकुर वर्मा, अखण्ड प्रताप सिंह, रोली सिंह, ममता सिंह, शालिनी मिश्र, नीलम श्रीवास्तव, अलोक पाण्डेय, जगदीश शुक्ल, विपिन शुक्ल, रघुनाथ सिंह, गौरव अग्रवाल, रमेश चक्रवर्ती, राजन ठाकुर, अमित गुप्ता, दिग्विजय सिंह राना, संजय शुक्ल, नवीन दुबे, राजकुमार शुक्ल, अनिल पाण्डेय, सतीश सोनकर, नीरज पाण्डेय, रघुवर पाण्डेय, विद्यामणि सिंह, हरी कृष्ण त्रिपाठी, विजय भान सिंह और दिव्यांशु दुबे सहित अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।

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