विधानपरिषद में भाजपा सदस्यों का आरोप "गलत नीतियों के चलते ऊर्जा विभाग में महिलायें बेरोजगार हो गयीं!
लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानपरिषद की कार्यवाही के दौरान नियम-110 के अंतर्गत भाजपा सदस्य विजय बहादुर पाठक और दिनेश कुमार गोयल ने अपनी ही सरकार के ऊर्जा मंत्री के विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि बिजली सखी योजना से जुड़ी हुई महिलाएं दूर-दराज गांवों में घर-घर जाकर बिजली बिल जमा कराने का काम करती थी। जिस संस्था के माध्यम से महिलाओं को रोजगार की प्राप्ति हुई थी उस संस्था का नवीनीकरण विभागीय लापरवाही के चलते न होने के कारण आजं बिजली सखी से जुड़ी बड़ी संख्या में महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं, उनकी आय का माध्यम बन्द हो जाने के कारण पारिवारिक आर्थिक स्थिती चरमरा गई हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मई 2020 में "बिजली सखी" योजना महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारम्भ की थी। बिजली सखी योजना के माध्यम से लोगों को बिजली के बिल जमा करने के लिए लम्बी-लम्बी लाइन में खड़े होने से छुटकारा मिलता है। इस योजना से जुड़ी महिलाएं अपनें परिवार का जीवन यापन मिलने वाली राशि से आसान बनाती रही हैं। विगत वर्षों में इस योजना से जुड़ी बड़ी संख्या में महिलाओं ने कई करोड़ रूपये बिजली बिल के रूप में जमा कराकर अपने लिए भी कमीशन के रूप में धन प्राप्त किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को लाभ पहुंचाना था जो लोग अपने बिजली बिल को जमा करने के लिए बिजली बिल कार्यालय में काउण्टर के चक्कर नहीं लगाना चाहते थे। क्योंकि "सखी" उनके घर से बिजली बिल एकत्र कर कार्यालय में जमा करेगी। बिजली सखी योजना से जुड़ने वाली पढ़ी लिखी ऐसी महिलाओं को जो घर पर रहती थी को रोजगार मिला ही बिजली विभाग की आय भी बढ़ने लगी। दोनों सदस्यों ने सरकार से नियम-110 के अंतर्गत लोक महत्व के अविलम्बनीय विषय पर चर्चा / वक्तव्य की मांग किया।
बता दें कि गुजरात कैडर के पूर्व नौकरशाह आर के शर्मा उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री हैं। उनके विभागों को लेकर अक्सर सरकार को फजीहत झेलनी पड़ती है। चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रसंसा करने के साथ-साथ ऊर्जा मंत्री के विभाग को निशाना बनाया है इस लिये यह सवाल हर तरफ चर्चा में है।