कीचङ में यातायात ग्राम वासियो की नियति

 

"कीचड़ में आना जाना ही बनी ग्रामीणों की जिंदगी" 


* गांठ भर कीचड़ में आने जाने को मजबूर हैं रेवना गांव के निवासी।
* बीमारी की हालत में गांव तक नहीं पहुंच सकते एम्बुलेंस व अन्य प्राइवेट वाहन 
मिल्कीपुर।
 हैरिग्टनगंज ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत रेवना के मजरे आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। थोड़ी सी बरसात होते ही ग्रामीणों का घरों से निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। यदि बरसात के समय में किसी मरीज को उपचार के लिए अस्पताल ले जाना हो तो एंबुलेंस व प्राइवेट वाहनों से भी नहीं ले जाया जा सकता है। क्योंकि आज तक ग्राम पंचायत से जुड़ने वाली सड़कों पर खड़ंजा तक नहीं लगा हुआ है। थोड़ी सी बरसात होते ही लक्ष्मीपुर ,बाबा का पुरवा, पश्चिम रेवना, सूबेदार का पुरवा, कैथौली, तुलापुर, भरतपुर, द्वारिका दुबे का पुरवा, ओरी दुबे का पुरवा, विश्राम दुबे का पुरवा आदि गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क आज भी बरसात होते ही कीचड़ युक्त हो जाती है। इस सड़क पर न तो ग्राम पंचायत, जिला पंचायत व क्षेत्रीय विधायक की निगाह पहुंच पा रही है। जब  चुनाव नजदीक आता है तो विधायक, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत अपने पाले में वोटरों को लाने के लिए जुगत अपनाते हुए ग्रामीणों से यह दावा करते हैं कि जीत के बाद इस पर काम लग जाएगा। 
लेकिन जैसे ही जनप्रतिनिधि जीत जाते हैं। वह घूमकर इन गांवों की तरफ देखते ही नहीं हैं। अब देखना है कि जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जाता है कि नहीं। रेवना ग्राम पंचायत निवासी राहुल सिंह, शिवा दूबे व मोनू दूबे ने कई बार जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस मार्ग को पिच रोड के लिए मांग की। लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान आजादी के बाद से अब तक नहीं गया है। ग्रामीण युवाओं ने कहा कि लगता है जनप्रतिनिधि इस रास्ते को बनवाने में अपनी रुचि नहीं रखते। इस रोड के निर्माण के लिए जल्द ही पीडब्ल्यूडी विभाग समेत मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ को ग्रामीणों द्वारा रोड बनवाने का मांग पत्र भेजा जाएगा।

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