जौनपुर,उत्तरप्रदेश
हनुमान जयंती पर जिले के अनेक हनुमान मन्दिरों पर बजरंग बली का भव्य श्रृगार किया गया। जहां पूजन अर्चन के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। बड़े हनुमान मन्दिर सिपाह, बीआरपी कालेज, मारूति मन्दिर टीडी कालेज, हनुमान मन्दिर कोतवाली चैराहा आदि स्थानों पर लोगों ने प्रसाद चढ़ाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। श्री माँ शारदा शक्तिपीठ के प्रांगण में स्थित हनुमान मंदिर में प्रातः काल से हनुमान जी का श्रृंगारपूजन के बाद सुन्दर काण्ड का आयोजन किया गया। संकटमोचन प्रभू श्री हनुमान जी की कृपा व संकट से मुक्ति पाने हेतु भक्तजनों का तांता लगा रहा। दर्शन-पूजन के बाद भक्तों ने महाप्रसाद भी ग्रहण किया।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी दीपावली से एक दिन पहले छोटी दीपावली को मनाई जाती है और इस दिन हनुमान जी की जयंती मनाए जाने की परंपरा है। वैसे तो बजरंग बली की जयन्ती की कोई सुनिश्चित तिथि के बारे में कहीं उल्लेख नहीं है इसी वजह से श्रीराम भक्त हनुमान की जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। पहली तिथि चैत्र मास की पूर्णिमा और दूसरी तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए छोटी दिवाली का अवसर बहुत खास व शुभ माना जाता है।
सबके दुःख को दूर करे वो बजरंगबली देते सुख, करते सब भक्तों की भली राम-राम हरपल वो करते जाप हैं। सकल सृष्टि के करता प्रभु आप हैं इस दिन हनुमान भक्त से बजरंगबली की कृपा हम सब पर बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। हनुमान जयंती के दिन सिंदूर और चमेली के तेल से एक कागज पर स्वस्तिक बनाएं और पूजा करे। पूजा करने के बाद इस कागज को तिजोरी या फिर जहां धन रखते हों, उस स्थान पर रख दें। ऐसा करने से आपके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।