- मॉस्क व दो गज की दूरी से रोकी जा सकेगी दूसरी लहर - चिकित्सक दे रहे हैं लोगों से भीड़भाड़ से दूर रहने की सलाह - प्रदूषण व ठंड के कारण दूसरी लहर से बढ़ सकती है ज्यादा परेशानी

 



बस्तीः,उत्तरप्रदेश
 कोरोना की दूसरी लहर को मॉस्क के अच्छी तरह से इस्तेमाल और व शारीरिक दूरी बनाकर रोका जा सकता है। लोगों को चाहिए कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें तथा नियमित रूप से हाथों को धुलते रहें। चिकित्सक आम जनता को इसका पालन करने की सलाह दे रहें हैं। आईडीएसपी के नोडल अधिकारी ऑफिसर डॉ. सीएल कन्नौजिया का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही दमा, सांस फूलने के मरीजों, टीबी, खांसी व फेफड़ों में समस्या वालों के लिए दिक्कत बढ़ेगी। ऐसे लोग अगर कोरोना से ग्रसित होते हैं तो उन्हें ज्यादा परेशानी हो सकती है।

ऐसे मरीजों की जान जाने का भी खतरा ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि घर से निकलने के साथ ही मॉस्क जरूर लगाएं। कार्यालय, बाजार व अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। अगर जाना जरूरी है तो दूसरे व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। अगर सभी लोग इसका पालन करने लगें लगे तो कोरोना के फैलाव को आसानी से रोका जा सकता है। नगरीय स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ. ए. के. कुशवाहा का कहना है कि इस समय बाजार, मार्ट, कचहरी, कार्यालय सभी जगह सामान्य रूप से लोग आ रहे हैं। प्रायः यह देखा जा रहा है कि लोग मॉस्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। अगर लगाए भी हैं तो एक दूसरे से बात के दौरान मुंह से उसे उतार देते हैं। ऐसी दशा में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

जरा भी परेशानी होने पर तुरंत कराएं जांच
एसीएमओ डॉ. फकरेयार हुसैन ने कहा कि जांच का दायरा बढ़ाकर भी कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है। लोगों को चाहिए कि जिसे भी जुकाम, बुखार आदि की समस्या हो वह तुरंत कोरोना की जांच कराए। जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज सहित सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में जांच की सुविधा निशुल्क है। अगर आप लक्षण होने के बाद भी जांच नहीं कराते हैं तो इससे बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

4600 मरीज हो चुके हैं स्वस्थ
कोरोना की जद में आये जिले के के 4600 लोग मरीज कोरोना बीमारी से ठीक होकर स्वस्थ हो चुके हैं। जिले में अब तक 4800 लोग पॉजिटिव हो चुके हैं। कोरोना के गैर उपचारित 94 लोगों की मौत हो चुकी है। डॉ. कन्नौजिया का कहना है कि यह वह लोग हैं, जो किसी न किसी अन्य गंभीर क्रोनिक बीमारी से ग्रसित थे। सामान्यतः एक सप्ताह से दस दिन के भीतर रिपोर्ट निगेटिव हो जाती है तो लोग स्वस्थ हो जा रहे हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form