हदीश, चाणक्यऔर सुश्रुत

बस्ती
हदीस : हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ के मुताबिक, हज़रत मुहम्मद (स.) ने फ़रमाया कि “अगर आप को पता लगे कि किसी जगह महामारी फैली है तो उस जगह मत जाओ और अगर ये महामारी उसी जगह फैली है जहां आप हो तो उस से बचने के लिए बाहर मत जाओ।”
(सही बुख़ारी – वॉल्यूम 7, किताब 71, नंबर 626)

नीतिशास्त्र : नीतिशास्त्र के सबसे बड़े ध्वजवाहक आचार्य चाणक्य ने स्पष्ट तौर पर कहा था- यदि शत्रु अदृश्य है तो छुप जाइये।

चरक संहिता : महर्षि चरक ने सैकड़ों वर्ष पूर्व चिकित्सकों को कहा था कि उनका कर्तव्य है कि हर परिस्थिति में वे मरीज का ईला


ज करें।


नही किया तो पहला नुकशान अपना दूसरा परिवार का तीसरा समाज का चौथा देश का और अंतिम मानवता का!


पूर्वांचल विद्वत परिषद  उत्तर प्रदेश


 


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