हमीरपुर में शिक्षा का मज़ाक : प्रधानाध्यापक की जगह दो साल से ड्राइवर पढ़ाता रहा बच्चों को, बीएसए ने किया सस्पेंड
हमीरपुर।
उत्तर प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाला चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में पिछले दो साल से प्रधानाध्यापक की जगह उनका निजी ड्राइवर बच्चों को पढ़ा रहा था। शुक्रवार को मीडिया टीम की पड़ताल में यह हकीकत उजागर हुई।
जानकारी के अनुसार, प्रधानाध्यापक वीरू सिंह ने अपने ड्राइवर रामसहाय को कक्षा में पढ़ाने के लिए लगा रखा था। रामसहाय ने खुद कबूल किया कि वह गाड़ी चलाने के साथ-साथ दो साल से बच्चों को पढ़ा भी रहा है। इस दौरान स्कूल की शिक्षिका माधुरी लंबे समय से अवकाश पर थीं और प्रधानाध्यापक भी अधिकांश समय अनुपस्थित रहते थे।
मामले की जानकारी मिलते ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया और विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि नियमित निरीक्षण और निगरानी की व्यवस्था के बावजूद यह खेल दो साल तक कैसे चलता रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की साख पर यह एक और गहरी चोट है।