योगीराज में भी हिन्दू बेटियां असुरक्षित – कब टूटेगा जेहादी शिकंजा?
लखनऊ,मनोज श्रीवास्तव
लखनऊ की ताज़ा घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। यह कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि हिंदू बच्चियों को निशाना बनाने वाली जेहादी साज़िश है। जिस तरह एक मुस्लिम युवती ने अपनी ही हिंदू सहेली को धोखे से बुलाकर अपने जेहादी बॉयफ्रेंड के हवाले कर दिया और फिर उसका दुष्कर्म कर वीडियो बना लिया—यह किसी अकेली वारदात का परिणाम नहीं है, बल्कि सुनियोजित ‘लव-जिहाद’ और अपराध का नेटवर्क है।
आरोप साफ़ है कि युवती शाकिबा पहले भी कई हिंदू लड़कियों को फंसा चुकी है। उसका साथी अली उर्फ मोहम्मी मेहरान इन मासूम बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाता और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर धर्मांतरण का दबाव डालता था। यह महज़ अपराध नहीं, बल्कि समाज की जड़ों को हिला देने वाला षड्यंत्र है।
अब सवाल उठता है कि योगीराज कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में यह सब कैसे संभव हो रहा है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की बात करती है, फिर भी जेहादी मानसिकता वाले ऐसे गिरोह हिंदू बच्चियों को टारगेट बनाकर बेखौफ़ घूम रहे हैं।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
- क्या पुलिस अब तक ऐसी घटनाओं को गंभीरता से नहीं ले रही?
- कितनी हिंदू बच्चियां चुपचाप इस जाल में फंसकर बरबाद हो रही हैं?
- क्यों समाज के डर से पीड़िताएं सामने आने से डरती हैं, और अपराधी खुलेआम नई शिकार तलाशते हैं?
यह कोई साधारण अपराध नहीं, बल्कि लव-जिहाद की संगठित साजिश है। ऐसी घटनाओं को सिर्फ़ “दुष्कर्म” की श्रेणी में रखकर नहीं देखा जा सकता। यह राष्ट्र और धर्म पर हमला है। समाज समाज का आह्वान
अब समय आ गया है कि सरकार इन मामलों को आतंकवादी गतिविधि मानकर कठोरतम दंड दे। ऐसे गुनहगारों को सिर्फ़ जेल में नहीं, बल्कि नज़ीर बनने वाली सज़ा मिले ताकि कोई और बेटी इस दरिंदगी का शिकार न हो।
सवाल साफ़ है –
अगर योगीराज में भी हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं, तो फिर किस राज में होंगी?