बस्ती, वशिष्ठ नगर,/दिल्ली,कौटिल्य शास्त्री
नरेंद्र मोदी जी ने संसद में 1966 में इंदिरा गांधी के एक खतरनाक कुकर्म का जिक्र किया जिसमें मिजोरम में अपने ही भारतीयों पर पहली बार भारतीय वायु सेवा ने बमबारी करके मारा था और इस घटना में 40 लोगों की मौत हो गई थी।
भारत के इतिहास में यह प्रथम और अंतिम घटना थी जब भारतीय वायु सेना ने अपनी ही सीमा में अपने ही लोगों पर बम बरसाए थे।
इंदिरा गांधी ने इस कुकर्म के लिए दो पायलटो को चुना था, उसमें से एक फाइटर पायलट थे सुरेश कलमाड़ी जो पहले चित्र में है और दूसरे फाइटर पायलट थे राजेश पायलट।
और इन दोनों पायलटो से कहा गया था कि आप इस घटना को अंजाम दीजिए और उसके बाद बवाल मचेगा तो हम आप लोगों से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा ले लेंगे, ताकि पब्लिक का गुस्सा शांत हो जाए। लेकिन उसके बाद हम आप लोगों को कांग्रेस पार्टी में शामिल करके मंत्री बना देंगे और यही हुआ।
संसद में इस पर खूब बवाल मचा तब लोगों का गुस्सा खासकर नॉर्थ ईस्ट के लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए भारतीय वायुसेना ने यह कहा कि हमारे दोनों फाइटर पायलट श्री सुरेश कलमाडी और श्री राजेश पायलट ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है और इन दोनों लोगों को चुपचाप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल करा दिया गया और बाद में यह दोनों केंद्रीय मंत्री बने और कांग्रेस में बड़े बड़े पदों पर रहे।