वशिष्ठ नगर,बस्ती,उत्तर प्रदेश
अयोध्या नगरी एक बार फिर भक्ति और उल्लास के रंग में रंग गई है, क्योंकि 5 जून 2025 को श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर हो रहा है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जो उनके 53वें जन्मदिन के दिन भी है।
आयोजन की प्रमुख तिथियाँ और कार्यक्रम
- 2 जून: सारयू नदी के तट से राम मंदिर तक महिलाओं के नेतृत्व में भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों महिलाएं पवित्र जल लेकर यज्ञमंडप तक पहुंचीं।
- 3 जून: वेदाचार्यों द्वारा यज्ञ मंडप की पूजा, पंचांग पूजन, ग्रह यज्ञ, अग्नि स्थापना और हवन जैसे वैदिक अनुष्ठान प्रारंभ हुए।
- 5 जून: मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा, जिसमें श्रीराम दरबार के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जाएगी।
प्रतिष्ठित होने वाले मंदिर और मूर्तियाँ
राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थित श्रीराम दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर में भगवान शिव, गणेश, सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा और शेषावतार के मंदिरों की भी प्रतिष्ठा होगी। सप्त मंडप में महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्त्य, वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्तियाँ भी स्थापित की जाएंगी।
धार्मिक अनुष्ठान और सहभागिता
इस पावन अवसर पर काशी और अयोध्या के 101 विद्वान आचार्य वैदिक अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ 20 प्रमुख संत, 15 गृहस्थ भक्त और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
आयोजन का विशेष महत्व
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। गंगा दशहरा के दिन आयोजित यह समारोह त्रेता युग में भगवान राम द्वारा रमेेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना की स्मृति को भी जीवंत करता है।
लाइव प्रसारण और दर्शन
प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण विभिन्न माध्यमों से किया जाएगा, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन सकें। हालांकि, नव प्रतिष्ठित मंदिरों के दर्शन के लिए आम जनता के लिए तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है।
इस भव्य आयोजन के माध्यम से अयोध्या एक बार फिर से विश्व भर में अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ कर रही है, और राम भक्तों के लिए यह एक अविस्मरणीय अवसर बन गया है।
राजेंद्र नाथ तिवारी