यूपी का स्वास्थ्य महकमा फिर कलंकित हुआ- पुलिस भर्ती के सफल अभ्यर्थियों से मेडिकल परीक्षण में करोड़ो वसूले! दो गिरफ्तार

 यूपी का स्वास्थ्य महकमा फिर कलंकित हुआ-

पुलिस भर्ती के सफल अभ्यर्थियों से मेडिकल परीक्षण में करोड़ो वसूले!

दो गिरफ्तार



मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ


।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर उनकी सरकार को कलंकित किया है।पुलिस विभाग में सफल अभ्यर्थियों से मेडिकल फिटनेस में डॉक्टरों और उनके गुर्गों ने करोड़ों वसूल लिया। बताते हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 के अभ्यर्थियों के मेडिकल परीक्षण में करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। इसका राज सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में खुलेगा। इसमें दिखने वाले अभ्यर्थियों से पुलिस पूछताछ करेगी। लिखित और शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सबसे अंत में अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराने के निर्देश थे। एटा को ऐसे 755 अभ्यर्थियों का परीक्षण कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए पुलिस लाइन में प्रक्रिया संचालित की गई। शुरूआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार चिकित्सक अभ्यर्थी को जांच में फेल होने का डर दिखाकर पास करने के नाम पर एक लाख रुपये मांगते थे। ऐसे में सैकड़ों अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये वसूले गए। नौकरी प्राप्त होने में यह आखिरी प्रक्रिया थी। इसलिए अधिकांश अभ्यर्थी किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते थे और झांसे में आकर रुपये भी देते रहे। यह पूरा खेल सुमित्रा डायग्नोस्टिक सेंटर में किया जाता था। परीक्षण से पहले अभ्यर्थियों को यहां बुलाया जाता था। उनका शारीरिक परीक्षण कर कमियां बताई जाती थीं और लेनदेन किया जाता था। एसएसपी श्याम नारायण सिंह ने बताया कि हर पहलू पर जांच की जा रही है।जल्द ही पूरी जानकारी करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

 


एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश और एएसपी राजकुमार सिंह ने इस सेंटर की पड़ताल की। वहां मिले कर्मचारी लवकुश ने बताया कि वीडियो में दिख रहे युवक पुलिस भर्ती परीक्षा में चल रहे मेडिकल के लिए आए थे। ये वीडियो तीन मई के बताए जा रहे हैं।वीडियो में डॉ. अनुभव अग्रवाल अपने सहयोगियों के साथ पैसे का लेनदेन करते दिख रहे हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. राहुल वार्ष्णेय की भी संलिप्तता पाई गई। कोतवाली नगर पुलिस ने शुक्रवार देर शाम को दोनों को इसी डायग्नोस्टिक सेंटर से गिरफ्तार कर लिया। किसी आरोपी को जेल भेजे जाने से पहले पुलिस उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराती है। इसके लिए आरोपी को मेडिकल कॉलेज या संबंधित सरकारी अस्पताल लाया जाता है। मगर पुलिस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों से वसूली करने वाले चिकित्सकों का मेडिकल परीक्षण कोतवाली में ही किया गया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

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