पाकिस्तान की लगी फटने तो शांति अपील के संदेश लगे बंटने! महबूबा मुफ्ती ने भी किया शांति की अपील!


 पाकिस्तान की लगी फटने तो शांति अपील के संदेश लगे बंटने!

महबूबा मुफ्ती ने भी किया शांति की अपील!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हिन्दू सैलानियों को धर्म पूछ कर और पैंट उतार कर उनका गुप्तांग देखने के साथ कलमा पढ़वा कर 26 हिंदुओं की उनके परिजनों के सामने क्रूरता पूर्वक हत्या के बाद देश में उबाल आया है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में घुस कर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। जिसके बाद पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन भारत के विभिन्न शहरों पर रॉकेट और ड्रोन से हमला किया। भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते हुये न सिर्फ उसके हमलों को नष्ट किये बल्कि पाकिस्तान में घुस कर उनके कई शहरों को तबाह कर दिये।इस वजह से दोनों देशों में तनाव चरम पर है। ऐसे माहौल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दोनों देशों से शांति की अपील की है। बोर्ड ने कहा है कि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है खासकर तब, जब दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हों। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक ऑनलाइन मीटिंग की है। इस मीटिंग में बोर्ड के सदस्यों ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर बने हालातों पर चिंता जताई। बोर्ड ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, वे उनका समर्थन करते हैं। लेकिन, इस मुश्किल समय में सभी लोगों, राजनीतिक पार्टियों, सेना और सरकार को मिलकर खतरों का सामना करना चाहिए।


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या की कड़ी निंदा की। बोर्ड ने कहा कि इस्लामी शिक्षाओं में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। बोर्ड ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि बातचीत से मसलों को हल करना चाहिए, सैन्य कार्रवाई सही नहीं है। बोर्ड ने एक पत्र में लिखा है, 'इस्लामी शिक्षाओं, वैश्विक सिद्धांतों और मानवीय मूल्यों में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए, दोनों देशों को द्विपक्षीय बातचीत और चर्चा के माध्यम से अपने मामलों को हल करना चाहिए। यह भी सच है कि युद्ध किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है—विशेष रूप से परमाणु हथियारों की उपस्थिति में, भारत और पाकिस्तान युद्ध नहीं झेल सकते।'


बता दें कि यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय सशस्त्र सेना पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में 'ऑपरेशन सिंदूर' चला रही है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में है। इस ऑपरेशन में सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद, पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, अमृतसर और उधमपुर समेत कई राज्यों में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन वे बुरी तरह से नाकाम रहे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एंटी-ड्रोन और मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करके हमलों को नाकाम कर दिया गया।इस दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यह भी कहा है कि वो अपना 'सेव वक्फ कैंपेन' पहले की तरह ही जारी रखेगा। लेकिन अभी के हालात को देखते हुए, बोर्ड ने अपनी सभी पब्लिक मीटिंग और इवेंट्स को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है। ये मीटिंग्स 16 मई तक नहीं होंगी। हालांकि, कुछ प्रोग्राम जारी रहेंगे। जैसे कि लोगों के साथ मीटिंग, अलग-अलग धर्मों के लोगों के साथ बातचीत, मस्जिदों में तकरीरें, कलेक्टर के जरिए ज्ञापन देना, और प्रेस कॉन्फ्रेंस। ये सभी प्रोग्राम पहले से तय समय पर ही होंगे। बोर्ड का कहना है कि वे हालात को देखते हुए आगे का फैसला लेंगे। वे चाहते हैं कि लोग शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।


धारा 370 हटाने के पहले धारा 370 हटाने पर कश्मीर में कोई भारत का झंडा लगाने वाला नहीं मिलेगा की धमकी देने वाली पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूब मुफ़्ती ने भी शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील की हैं। महबूबा ने दोनों देशों की मीडिया को हदें पार कर देने का आरोप लगाया है। मुफ़्ती ने कहा कि इस लड़ाई में हमारे बच्चे मारे जा रहे हैं। समाचार  जाने तक सूचना मिली है कि शुक्रवार की देर शाम 8 बजे तक पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में फिर गोलीबारी आरंभ कर दी गयी है।

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