9 अगस्त को महारैली के लिये दिल्ली के लिये रवाना होंगे राज्यकर्मी, शिक्षक
बैठक में बनी रणनीति
बस्ती। रविवार को पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक कलेक्टेªट परिसर स्थित संघ भवन कार्यालय पर कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राम अधार पाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने के एक सूत्रीय मांग को लेकर आगामी 10 अगस्त को रामलीला मैदान नई दिल्ली में आयोजित होने वाली महारैली में हिस्सेदारी को अंतिम रूप दिया गया। केन्द्रीय कर्मी, राज्य कर्मचारी, शिक्षक 9 अगस्त को अगस्त क्रान्ति के दिन दिल्ली के लिये टेªन, बस, निजी वाहन से रवाना होंगे।
बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष राम अधार पाल ने कहा कि सरकार जानबूझकर कर्मचारी हितों की अनदेखी कर रही है। लम्बे समय से पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने की मांग चल रही है। अनेक राज्य सरकारोें ने पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया किन्तु केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं है।
संचालन करते हुये जिला मंत्री तौलू प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में आयोजित होने वाली महारैली में पूरे देश के कर्मचारी, शिक्षक पुरानी पेेंशन का अपना हक मानने पहुंचेंगे और मानसून सत्र में संसद का घेराव किया जायेगा। कहा कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार ने मांगे मान ली होती तो कर्मचारी आन्दोलन को बाध्य न होते। जब तक पुरानी पेंशन योजना की बहाली कर समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता राज्य कर्मचारी चरणबद्ध ढंग से अपना आन्दोलन जारी रखेंगे।
बैठक में कलेक्टेªट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक मिश्र, कोषागार कर्मचारी संघ अध्यक्ष अखिलेश पाठक, पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष अजय आर्य, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ अध्यक्ष अरूणेश पाल, विकास भवन कर्मचारी संघ महामंत्री ओम प्रकाश, सिंचाई संघ अध्यक्ष सुभाष मिश्र, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के महामंत्री ई. राजेश श्रीवास्तव, पेंन्शनर्स संघ के अध्यक्ष जलालुद्दीन कुरेशी, आई.टी.आई. कर्मचारी संघ के मंत्री रणंजय सिंह आदि ने कहा कि 10 अगस्त को आयोजित दिल्ली की महारैली ऐतिहासिक होगी, समूचे देश के केन्द्रीय कर्मी, राज्य कर्मियों, शिक्षकों की एकजुटता से निश्चित रूप से पुरानी पेंशन बहाल करने में सफलता मिलेगी।
बैठक मुख्य रूप से सन्तोष राव, प्रमोद शुक्ल, सुजीत कुमार, अमरेश श्रीवास्तव, रामचरन, अमरजीत चौहान, राजेश कुमार, परमात्मा प्रसाद, चन्द्र प्रकाश, पंकज कुमार, शिवमंगल पाण्डेय, आलोक कुमार दिवाकर, वीरेन्द्र प्रताप नारायण, के साथ ही परिषद एवं विभिन्न विभागों के अनेक पदाधिकारी, कर्मचारी शामिल रहे।