भारत की अभिजात्य वर्गीय अर्थ व्यवस्था का आधार गांव का यह विध्न सन्तोषी ! उद्यमी!

 बस्ती,उत्तरप्रदेश

 आप को लग रहा होगा कि यह व्यक्ति बेईमान है यह व्यक्ति नीच है लेकिन यह व्यक्ति भारत की अर्थव्यवस्था का एक बहुत बड़ा आधार है बहुत बड़ा स्तंभ है !ऐसे ही लोग न्याय


पालिका,कार्यपालिका और व्यवस्थापिका का भोजन चला रहे।ये न रहें समझ लीजिये न्यायालय और पुलिस का काम आधे से कम होजायेगा।इनका ही अच्छा भला नाम है विघ्न सन्तोषी! किसी पर विपदा से हो ये सन्तुष्ट होजाते है और हिन्दुस्थान के हर गांव में पाये जाते ।


इस अकेले एक व्यक्ति की वजह से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा क्या आपने कभी सोचा है ??


रिक्सा,टेक्सी,बस,वकील,  पुलिस , कोर्ट पेशकार, जज , टाइपिस्ट, स्टेनो, चपरासी, तहसीलदार, लेखपाल, पटवारी और उसके आसपास के चाय वाले ढाबे रिक्शे वाला समोसे वाले वालाआदि आदि प्राइवेट बस जीप और पता नही क्या क्या यह सारी व्यवस्थाएं अकेले इसी व्यक्ति के दम पर चलती हैं!

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