देश की महिला पहलवानो का रास्ता अपने अध्यक्ष को हटाने तक लड़ते रहेगे!!

 

 
देश के पहलवान ही सङ्घर्ष की राह पर।वेश्विक मुकाबलों में मेडल जीत कर देश का नाम ऊंचा करने वाले पहलवान जिस तरह से राजधानी के जंतर-मंतर में धरने पर बैठे हैं, वह हमारे देश में खेल प्रबंधन पर बेहद कड़वी टिप्पणी है। वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में मेडल जीत चुकी पहलवान विनेश फोगाट और उनके साथ खड़े साथी पहलवानों का यह आरोप बहुत गंभीर है कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष समेत कई कोच महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण करते हैं। ध्यान रहे, भारतीय खेल जगत में ऐसे आरोप पहली बार नहीं लगाए जा रहे। बास्केटबॉल, टेनिस, हॉकी, एथलेटिक्स में करियर बनाने की कोशिश कर रही कई महिला खिलाड़ियों ने समय-समय पर ऐसी शिकायतें की हैं। ऐसे में कुश्ती

जहां तक इन विक्टिम को आगे करके पुलिस में मामला दर्ज कराने और कानूनी प्रक्रिया से मुजरिम को सजा दिलाने की बात है तो ये खिलाड़ी कह रहे हैं कि जरूरत पड़ी तो यह रास्ता भी अख्तियार किया जाएगा। हालांकि, वह रास्ता काफी लंबा और पेचीदा है। इस दौरान कई खिलाड़ियों का करियर भी खत्म हो जाने का खतरा है। लेकिन आरोपों के दबाव में कुछ लोगों को पद से हटा देने या उनसे इस्तीफा दिलवा देने से यह साफ नहीं होगा कि आरोपों में सचमुच सचाई थी या नहीं। उस स्थिति में दोनों पक्ष खुद के सही होने का दावा करते रहेंगे। चूंकि देश और दुनिया के तमाम लोगों की नजर इस मामले पर लगी है, इसलिए थोड़ा वक्त भले लगे, लेकिन दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए। इसके साथ ही यह देखना भी जरूरी है कि समय-समय पर खेल जगत से ऐसे आरोप क्यों लगते रहते हैं। ऐसा न हो और देश की बेटियां सुरक्षित महसूस करते हुए खेल में करियर बनाएं यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न फेडरेशनों के अंदर विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवारण का एक स्थायी और कारगर तंत्र बनाने पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए। संघ के ताजा मामले को हलके में नहीं लिया जा सकता।

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