योगी के यूपी में दो साल में जबरन धर्मांतरण के 291 मामले दर्ज, 507 गिरफ्तार

कौटिल्य वार्ता
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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।


 उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार चलते पांच वर्षों से ज्यादा हो चुके हैं। केंद्र में गोधरा से निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठे हैं तो प्रदेश में प्रखर हिंदुत्व के अनुयायी, गोरक्षपीठाधीश्वर, हिन्दू महासंघ और हिन्दू युवा वाहिनी के संरक्षक योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन कर बैठे हैं।उसके बाद भी उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल में जबरन धर्मांतरण के 291 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामले में कुल 507 लोगों की गिरफ्तारी की गई। अब तक 150 मामलों में अभियुक्तों ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने की बात कुबूल की है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में 59 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जो नाबालिगों के धर्म परिवर्तन से संबंधित थे। बरेली जिले में सर्वाधिक ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं। गौरतलब है कि नवंबर 2020 में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून लागू किया था। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल और 15 से 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो माह पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है।


यह ऐसे मामले हैं जो थाना-कचहरी तक पहुंचने के कारण लिखा-पढ़ी में आ गये हैं। ऐसे न जाने कितने मामले हैं जो लोक-लाज के भय, दबंगो और पुलिस की मध्यस्थता और लड़कियों को दूर-दराज ले जाकर छिपाने के कारण पता ही नहीं चल पाता। इस संदर्भ में हिंदू वादी नेता अनिल सिंह, राम मिलन यादव और विजय द्विवेदी का कहना है कि कट्टर राष्ट्रवादी होने का दावा करने वाली डबल इंजन की सरकार में हिंदूवादी संगठनों की भूमिका भी मुखर नहीं दिख रही है। ऐसे में धर्मांतरण का जुर्म बढ़ता जा रहा है।

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