भारत के विस्मार्क-मोदी दब्बू से दबंग भारत के शिल्पकार

कौटिल्य वार्ता
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भारत के विस्मार्क-मोदी दब्बू से दबंग भारत के शिल्पकार 

राजेन्द्र  नाथ  तिवारी 


से दबंग भारत की छवि मोदी के नेतृत्व की ही देन है। उन्होने दुनियां को बतला दिया कि भारत मौनी बाबा की तरह चौथी-पांचवी पंकित में बैठ हूं-हूं करने के बजाय डट कर आमने-

सामने शेर की आंख में आँख मिलाकर बात करने में सक्षम है। यदि आज श्री रविन्द्रनाथ टैगोर होते तो एक बार फिर लिखते मोदी के लिए ‘‘भारत भाग्य विधाता’’ मोदी जैसा तेजस्वी बनना भारत के लिए वैश्विक महाशक्ति का श्रीगणेश है। मोदी का साहस, मोदी का सामर्थ्य, मोदी का समर्पण और मोदी की वैश्विक नीति कैसी है, जैसे मोदी की होनी चाहिए। जर्मनी के एकीकरण के वास्तुकार विस्मार्क ने अपने राष्ट्रनीति को स्पष्ट करते हुए कहा था-‘‘जर्मनी का ध्यान प्रशा के उदारवाद पर नहीं अपितु उसकी शक्ति पर लगा है। जर्मनी की समस्याओं का समाधान बौद्धिक भाषणों से नहीं, आदर्शवाद से नहीं, बहुमत के निर्णय से नहीं वरन् प्रशा के नेतृत्व में तलवार की नीति से होगा’’। प्रखर राष्ट्रवाद की भाषा बोलकर जनता का दिल जीत रहे नरेन्द्र मोदी यदि अपनी राष्ट्र नीति को विस्मार्क के इस कथन में व्यक्त करेंगे तो केवल तलवार के स्थान पर विश्वास और राष्ट्रवाद की नीति शब्दों को रखना होगा, जिस प्रकार विस्मार्क ने प्रखर राष्ट्रवाद की नींव पर जर्मनी के एकीकरण की वास्तु खड़ी की थी, ठीक उसी प्रकार नरेन्द्र मोदी भारत को विश्वगुरू बनाने की वास्तु रख रहें हैं। बडे़-बड़े अकल्पीय आंकड़ों वाले घाटालों व आर्थिक अपराधों को देख-देख कर देश की जनता का मानस दुःखी व राजनैतिक अवसाद में आ खड़ा हुआ था तब देश के प्रधानमंत्री की दहाड़ ‘‘ना खाउंगा न खाने दूंगा’’ ने देश में एक अद्भुत अकल्पनीय उर्जा का संचार कर दिया। इस दहाड़ के बाद अपने मंत्रिमण्डलीय व दलीय सहयोगियों के मध्य मोदी की कार्य शैली यह मौन मंत्र देती रही कि राष्ट्र सेवा में अहर्निश परिश्रम करूंगा न सोऊँगा और न सोने दूंगा। मोदी सरकार का भ्रष्टाचार विहीन व भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टालरेंस देखकर देश की जनता राहत की सांस ले रही है। असाधारण भाषण कला, करिश्माई नेतृत्व, त्वरित निर्णय क्षमता, स्पष्ट दूर दृष्टि, मजबूत समर्थन का आधार, अनुशासित जीवन, एक असाधारण योजनाकार, तकनीक के प्रति प्रतिबद्धता, फिटनेस के प्रति सतर्कता, उत्साह से भरा जीवन, धैर्यशीलता, नेतृत्व कुशलता और विनम्रता नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत पूंजी है। निरन्तर प्रयास ‘‘सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’’ का लक्ष्य लेकर जमीन से घुसकर आसमान की उंचाईयों को नीचा करते हुए अपने राष्ट्र का ध्वज को लहराने वाले व्यक्तित्व का नाम विश्व में ढूंढा जाय तो कहीं न कहीं यह जरूर मिलेगा कि ‘‘एक नरेन्द्र वैश्विक मंच पर भारत का लोहा मनवाया था, दूसरा नरेन्द्र ‘‘त्राटक दृष्टि’’ (शेर की आंख में आंख मिलाना) कर विश्व के स्वनामधन्य महाशक्तियों के लिए विचाराणीय ही नहीं अपितु उनकी मजबूरी बनता जा रहा है। अगर कोई भी बात जन-गण-मन की जुबान पर आती है तो एक ही है ‘‘मोदी है तो मुमकिन है’’ अर्थात हमारे लोकप्रिय शिखर पुरूष मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी! देश ने जिन राष्ट्रीय नेताओं को आत्मसात कर लिया है उनमें आज अग्रणी नाम स्वनामधन्य मोदी का है। सुदुरू गांव की पगडंडियों से चल के ग्रामीण, जन, महिला-पुरूष, बालवृन्द छात्र-छात्राएं, किसान एवं मजदूर, की जुबान पर तो है ही यह नाम कस्बा, उपनगर, शहर, महानगरों तक जन सामान्य की जुबान पर भी है। लीक से हटकर सोचना, करना और निरन्तर अग्रसर रहना मोदी के भारत का गौरव है ही उसे विश्व स्तर पर स्थापित भी किया है। अमेरिका हो या यूक्रेन या जापान सबके प्रिय नेता, दोस्त हैं तो मोदी ही। जब नेता दूर-दूर हो गये तो नरेन्द्र मोदी ने विपरीत परिस्थितियों में भारत की कमान आत्म विश्वास की कन्ट्रोल शक्ति के साथ लेकर मन-बचन-कर्म से चरित्रार्थ किया है। राष्ट्रवादी विचार को धार देकर विकसित करने वाले श्री मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव को राष्ट्र महोत्सव का रूप दे दिया। घर-घर तिरंगा फहरा कर राष्ट्र नायक की उनकी छवि भी उभरी है। राष्ट्र के सबसे बड़े फोड़े कश्मीर का आपरेशन कर जिस हिम्मत, साहस और धैर्य का प्रदर्शन किया वह निःसन्देह श्लाघ्नीय है। मणिपुर, मेघालय, लद्दाख सब इस नर-नाहर की दृष्टि में है। केरल, मुम्बई, चिन्नई, हैदराबाद के साथ पूरे देश पर उनकी वैसी ही दृष्टि परिलक्षित होती है, जैसी उन्होनें गुजरात में की है। मेट्रो संचालन, बुलेट ट्रेन, राष्ट्र रक्षा सामग्री के निर्माण के साथ ही विदेश नीति तथा गृह मामले में देश सुरक्षित एवं संबर्धित हो रहा है। कुछ कीर्तिमान नया वही बना पाते हैं, जो राष्ट्र के नायक होते हैं। पं0 दीन दयाल उपाध्याय के मार्ग पर चलते हुए राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक पुर्नजागरण को अपनी नीतियों में प्रतिबिम्बत कराते हुए अयोध्या, काशी और मथुरा को भी सम्मान देने का काम कोई कर सकता था वह श्रेय सिर्फ मोदी को ही जाता है। सबको भोजन, सबको वस्त्र, सबको आवास, सबको दवाई, सबको पढ़ाई पं0 दीन दयाल उपाध्याय के अन्त्योदय की परिणति ही नरेन्द्र मोदी हैं। वैश्विक आपदा कोविड-19 के दौरान देश के विस्तार एवं आबादी को देखते हुए दवाओं, राहगीरों, मजदूरों और आमजन के सुस्वास्थ्य और कुशलक्षेम का प्रबन्धन वैश्विक सम्मान का विषय है। मोदी के लिए कार्य और कार्य संस्कृति का दूसरा नाम पूजा ही है, जिनके निरन्तर प्रोत्साहन एवं नेतृत्व क्षमता के फलस्वरूप देश में ही कोरोना के टीके विकसित किये गये और सफलतापूर्वक कोविड-19 को कंट्रोल भी किया गया, जिसकी प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन तक ने की है। मोदी एक ऐसे पारस पत्थर हैं जो श्रेष्ठ नागरिक, राष्ट्रीय एवं श्रेष्ठ राष्ट्र के निर्माण को सुपर स्वर्णिम उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। अर्थ व्यवस्था में भारी गिरावट, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान तटस्थता की मजबूत नीति से दोस्त के दोस्त को मानता ही रहा भारत, बल्कि विश्व नेतृत्व को भी एक संदेश दे दिया। शान्ति के लिए सर्वत्र मोदी की और न केवल अविकसित देश वरन् विकासशील और विकसित देश देख रहे हैं। विकसित देशों ने कई माइनों में ससम्मान मोदी जी के नेतृत्व को स्वीकारा। एक अनुमान के अनुसार अर्न्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वैश्विक जी0डी0पी0 3.6 प्रतिशत होने वाली है, परन्तु भारत के लिए यह अनुमान वर्ष 2022-23 में 8.2 प्रतिशत और वर्ष 23-24 में 6.9 प्रतिशत तेजी का अनुमान है। यह कुशल और सक्षम नेतृत्व और उसकी नियति का सुफल है। राष्ट्र को मजबूत बनाने में राष्ट्रीय तथा सर्वजन हिताय कार्य करने वाले मोदी जी अन्तरिक्ष एवं जल सेना की विशेष उपलब्धि हासिल की। आज भारत अपनी देशी ‘‘विक्रान्त’’ बनाकर विश्व के महान देशों की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया है। मित्र राष्ट्रों के साथ ही साथ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री तक मोदी की तारीफ से नहीं चूक रहे। सर्जिकल स्ट्राइक पौरूश का अपरिमेय उदाहरण है। जमीनी विकास को महत्व देते हुए महिला विकास के लिए नये उत्पाद, मुकाम करने वाले इस देश में श्रेय केवल प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व को ही दिया जाना चाहिए। महिलाओं में भी माँ सबरी के उत्तराधिकारी आदिवासी महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति जैसे दायित्व पर अलंकृत करना मोदी के ही बस की बात है। गांव-गांव तक नर-नारी की जबान पर है आम आदमी को लकड़ी के चूल्हे से मुक्ति, निःशुल्क, कम मूल्य पर खाद्यान्न वितरण जरूरतमंदों को अभी भी जारी है, शिक्षा जगत में नई शिक्षा नीति की चर्चा आम है ही खेल-कूद की दुनियां हो या सिनेमा या संस्थागत विकास का मामला हो हर कोई मोदी का कायल है। क्यों न हो! लक्ष्य जब कल्पना और अपेक्षाओं के पहले ही तय हो जा रहा हो और उसका क्रियान्वयन हो रहा हो तो विकास की गाड़ी दौड़ेगी ही, इसके लिए प्रधानमंत्री और उनका नेतृत्व ही बधाई का पात्र है। मोदी जी जीवेम् शरदः शतम् व उनका यशस्वी नेतृत्व निरन्तर उन्नति करे यही कामना है। दूरदर्शी दृष्टि एवं सम्यक वैचारिक अवगाहन सीमावर्ती सारे राष्ट्र भारत के होते जा रहे हैं। यही नहीं पूरे देश में राष्ट्रध्वज के साथ भाजपा ध्वज भी लगातार, निरन्तर उन्नत आकाश में लहराता जा रहा है। 






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