गुजरात मॉडल ने बुल्डोजर मॉडल को नकारा! भाजपा संसदीय बोर्ड और चुनाव समति में योगी को जगह नहीं दिया


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।

  भाजपा ने अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्थान नहीं देकर देश के सबसे बड़े लोकसभा सीट वाले राज्य के लोगों को चौंका दिया है। मोदी-शाह ने योगी के सापेक्ष महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केंद्रीय चुनाव समिति में लेकर यह साफ संदेश दिया है कि उन्हें पराक्रम वाले नहीं परिक्रमा वाले चाहिये। मोदी सरकार के सबसे बड़े रिजल्ट वोरिएंटेड मंत्री पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी बाहर कर दिया है। कई सर्वे और बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए एक बड़ा वर्ग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नरेंद्र मोदी के बाद पार्टी का अगला चेहरा देखती है। नरेंद्र मोदी ने गुजरात मॉडल का नारा देकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कब्जा कर लिया तो आदित्यनाथ ने खुद के निजी छवि को इतना तराशा की देश के दूसरे राज्यों से योगी के बुल्डोजर मॉडल की मांग ने उन्हें "योगी मॉडल" बना दिया। दंगाई हो या आतंकवादी, माफिया हो या गैंगस्टर योगी के बुल्डोजर से सब कांप जाते हैं। 

2024 में यूपी की 80 लोकसभा सीट जीतने का संकल्प लेने वाली भाजपा को योगी की उपेक्षा भारी पड़ सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी योगी में बेदाग चरित्र (आर्थिक और चारित्रिक) आरोप से परे होने के कारण भविष्य का पीएम मैटीरियल मानता है। 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार बनने में मोदी का बड़ा योगदान हर कोई स्वीकार करता है लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की वापसी में योगी का योगदान सबसे ज्यादा सराहा गया। अपराधियों और आतंकियों से अलग स्टाइल से निपटने वाले योगी ने देश की जनता को अपनी ओर आकर्षित किया है। हाल ही में कर्नाटक में हुये उपद्रव के बाद वहां के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि उपद्रवी नहीं सुधरेंगे तो हम योगी मॉडल से नियंत्रित करेंगे। पश्चिम बंगाल का चुनाव हो या हैदराबाद नगरनिगम का योगी की उपस्थित ने कार्यकर्ताओं में जो ऊर्जा संचालित किया था वह मोदी को छोड़ कर भाजपा के दूसरे नेता नहीं कर पाये हैं।

 योगी ने अपने पिछले पांच वर्ष के काम-काज के दम पर भाजपा को 255 सीट जीत कर दिया। सहयोगियों के साथ संख्या 273 थी। यूपी से प्रवासी नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह को रखा गया है। नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद होने के कारण यूपी से है। जबकि राजनाथ सिंह यूपी भाजपा की वह थाती हैं कि जब-जब उन्हें जिम्मेदारी मिली भाजपा बैकफुट पर हुई और वह प्रोन्नति पाते गये। खुद का कोई आधार न होना ही उनकी ताकत है। इसी कारण वह टीम गुजरात के आंखों के तारे हैं। फिलहाल योगी आदित्यनाथ किसी का उधार नहीं रखते हैं इस लिये उन्हें नाराज करना टीम गुजरात को भारी पड़ सकता है।

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