पूर्वांचल में भाजपा को एक और झटका, कद्दावर नेता राम इकबाल सिंह सपा में शामिल

 पूर्वांचल में भाजपा को एक और झटका, कद्दावर नेता राम इकबाल सिंह सपा में शामिल


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 


यूपी में बलिया की चिलकहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह सोमवार को अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। इस दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी। बता दें कि भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने सोमवार को अखिलेश यादव से मुलाकात किया। इस दौरान उनके समर्थक भी मौजूद रहे। भाजपा के लिये यह बड़ा झटका माना जा रहा है। उनके पार्टी में शामिल होने के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया 'सपा का बढ़ता कारवां'। इस अवसर पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बलिया की चिलकहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह अपने साथियों के साथ सपा में हुए शामिल हुये हैं। भाजपा में रह कर राम इकबाल सिंह कई बार मोदी सरकार की आलोचना को लेकर सुर्खियों में आ चुके थे। उन्होंने कृषि कानूनों पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था कि ये कानून वापस लेना चाहिए। अगर किसानों के हित से बारे में सोचना है तो बेहतर है कि सरकार किसानों से सहमति लेकर नया बिल लेकर आये। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा था कि सरकार को किसानों के खून से नहाने की आदत अब बंद कर देनी चाहिये।भाजपा सूत्रों के अनुसार जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कमरे में घुस कर वह न सिर्फ ठेकेदारी के लिये गलत दबाव बना रहे थे बल्कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भला-बुरा कह कर सुर्खियों में आये थे। जिसे मुख्यमंत्री तक भेजा गया था। जब पार्टी ने राम इकबाल से जवाब-तलब किया तो उन्होंने पार्टी को यह कह कर लात मार दिया कि यहाँ कार्यकर्ताओं की इज्जत नहीं है। भाजपा सरकार को अफसर चला रहे हैं।

 राम इकबाल सिंह ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' मामले पर कहा था कि उनके उकसावे वाले भाषण की वजह से ही लखीमपुर खीरी कांड हुआ था। सरकार ने लखीमपुर कांड को लेकर अपनी किरकिरी कराई है। इससे विपक्षियों को राजनीति करने का मौका मिल गया है। गौरतलब है कि भाजपा के पूर्व विधायक व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राम इकबाल सिंह पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। राम इकबाल सिंह ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की तैयारियों पर भी सवाल उठाए थे। जो भाजपा नेतृत्व को नागवार लग रहा था।प्रदेश भर में लगातार पार्टी के हो रहे कार्यक्रमों से उन्हें किनारे कर दिया गया था। जबरदस्त छात्रनेता और लोकप्रिय नेता को यह अपमान सहन नहीं हुआ। राम इकबाल ने घोषणा किया कि 2022 में बलिया से भाजपा का खाता नहीं खुलने देंगे।

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