मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
योगीराज में लगभग सात महीने पहले अपहृत हुई बेटी की बरामदगी के लिये भाजपा नेता पिछले 19 दिनों से एसएससी दफ्तर के सामने धरना दिए हुए बैठे हैं। भाजपा नेता का आरोप है कि पुलिस ने बेटी की बरामदगी के लिए 50000 रूपये की डिमांड की है। भाजपा नेता ने पार्टी के जिला अध्यक्ष से लेकर मंत्री तक सबके दरवाजे खटखटाए लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली। घटना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले की है। जहां एक मंडल के युवा मोर्चा के अध्यक्ष जिनके पास बूथ अध्यक्ष और ग्रामपंचायत संयोजक का दायित्व भी है। उनकी बेटी जनवरी माह में मुरादाबाद स्थित मझोला थाना क्षेत्र में अपनी ननिहाल में आई थी। स्कूल बंद होने पर अपनी नानी के घर काशीराम नगर आ गयी थी।
नाबालिग 10 जनवरी को ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से निकली थी। लेकिन उसके बाद से लड़की का कोई पता नहीं चला है। वह संभल के ही एक स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ती है।उन्होंने बताया कि उन्हें छानबीन में पता चला कि उनके गांव का ही एक अधेड़ उनकी बेटी का अपहरण करके ले गया है। उनके लाख कोशिश के बाद भी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। बाद में पुलिस को भी छानबीन में उसी अधेड़ का पता चला। भाजपा नेता का आरोप है कि महीनों तक पुलिस उन्हें आश्वासन देते हुए टरकाती रही। लेकिन उन्होंने अपने स्तर से छानबीन करके आरोपी और अपनी बेटी की लोकेशन का पता लगाया। कई बार पुलिस को बताया कि वह साथ चले लेकिन पुलिस साथ नहीं गई।
भाजपा नेता का आरोप है कि एक दिन चौकी इंचार्ज काशीराम नगर पंकज कुमार ने उनकी पत्नी को चौकी पर बुलाया और कहा कि 50000 रूपये की व्यवस्था करके लाओ तो बेटी को 12 घंटे में ही बरामद करा देंगे। इसके बाद भाजपा नेता ने मुरादाबाद जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह चौहान, महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र नाथ मिश्रा, कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह, मंत्री बलदेव सिंह औलख, एमएलसी जयपाल सिंह समेत तमाम नेताओं से बेटी की बरामदगी के लिए मदद मांगी। लेकिन किसी ने भी उनका हालचाल नहीं पूछा। पार्टी नेताओं की बेरुखी से तंग आकर भाजपा नेता पुलिस दफ्तर के सामने धरना देकर बैठ गये हैं। 19 दिन से धरना दिए बैठे भाजपा नेताओं ने कहा है कि बहुत शर्मिंदा हूं कि इतना सब होने के बाद भी मैं भाजपा में हूं। उधर एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया है कि पुलिस लड़की की बरामदगी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। जम्मू में लोकेशन मिलने पर टीम को वहां रवाना किया गया था। लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही लड़का और लड़की वहां से निकल चुके थे। इसके बाद हिमाचल, दिल्ली, संभल और मुरादाबाद में भी कई संभावित स्थानों पर छापामार कार्यवाही की गई है।