जौनपुर।
करीब दो साल पूर्व जब उज्ज्वला योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन मिला था तो गरीबों की खुशी की ठिकाना नहीं रहा। लकड़ी-उपली जुटाने से फुर्सत व धुआं से आंखों को राहत मिलने की आस से उसका चेहरा खिल उठा था लेकिन, बढ़ती महंगाई व कम होती सब्सिडी से उन का सपना बिखर गया। यही हाल अनुसूचित जाति की विमला का भी है। उसका कहना है कि गैस सिलिडर का दाम इतना बढ़ गया है कि वह अब रीफिलिग ही नहीं करा पा रही। ऐसे में वह एक बार फिर लकड़ी व कंडा जुटाकर घर का भोजन व नाश्ता बनाने को विवश है। गृहणी मंजू कहती हैं कि पहले किसी तरह गैस रीफिल करा लेती थी। अब गैस सिलिडर का मूल्य इतना बढ़ गया कि रुपये भी नहीं एकत्र होते हैं। इतना ही नहीं, सब्सिडी भी न के बराबर है। इसलिए गैस सिलिडर भराना मुश्किल हो गया है।
जिले में उज्ज्वला योजना के अधिकांश लाभार्थियों का गैस चूल्हा महंगाई के कारण ठंडा पड़ गया है। इन लाभार्थियों ने रसोई के एक कोने में गैस सिलिडर व चूल्हे को रखकर अब लकड़ी व कंडा का जुगाड़कर चूल्हे पर भोजन बना रही हैं। लाभार्थियों का कहना है कि पहले गैस सिलिडर का मूल्य 500 से 600 रुपये हुआ करता था जो अब बढ़कर 900 रुपये पहुंच गया है। पहले सब्सिडी की धनराशि उनके खाते में इतनी पहुंचती थी कि वह दोबारा गैस सिलिडर रीफिल कराने की हिम्मत जुटा सकते थे लेकिन, अब तो सब्सिडी न के बराबर है।
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