17 दिन बाद हुई सन्तोष के शव की शिनाख्त

 


17 दिन बाद हुई सन्तोष के शव की शिनाख्त

जौनपुर।
 समुद्री तूफान टाक्टे में गायब संतोष यादव की मौत के 17 दिन बाद पुष्टि होने पर मैथ्यू कंपनी ने महज पांच लाख तो ओएनजीसी ने दो लाख की सहायता राशि दी। जिले के महराजगंज थाना क्षेत्र के मितांवा गांव निवासी संतोष यादव मुंबई के अरब सागर में ओएनजीसी के जहाज पर तैनाती के दौरान टाक्टे तूफान में जहाज डूब जाने से लापता हो गए थे। 19 मई को संतोष का शव समुद्र से खोज लिया गया था, लेकिन पहचान न हो पाने के कारण पत्नी व पिता को शव नहीं मिल सका था। पिता के डीएनए टेस्ट के 17 दिन बाद शिनाख्त होने पर दो जून को शव स्वजनों को सुपुर्द किया गया। दस साल के बेटे दीपांशु ने पिता को मुंबई में ही मुखाग्नि दी। मैथ्यू कंपनी ने संतोष को ओएनजीसी के जहाज पर नियुक्त किया था। ऐसे में उसने पांच लाख की सहायता दी।
 इस संबंध में सुनीता ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि मीटिग होने के बाद और सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। बीमा राशि का भुगतान अभी नहीं हो सका है। बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने पांच लाख की सहायता तूफान में मृत लोगों को देने की घोषणा की है, लेकिन अभी तक मुझे एक भी रुपये की सहायता प्राप्त नहीं हो सकी है। अंत्येष्टि के बाद शुक्रवार को परिवार वाले घर वापस आए। शनिवार को ग्रामीणों की भारी भीड़ सांत्वना देने के लिए पहुंची। पिता मथुरा प्रसाद यादव, मां आरती देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं पुत्र दीपांशु, प्रियांशु व पुत्री दिव्या की सूनीं आंखें अपने पिता को ढूंढ रही हैं।

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