मेडिकल स्टोर्स से ठगी करने वाला जालसाज असिस्टेंट कमिश्नर ( जी यस टी )गिरफ्तार!

 लखनऊ/बस्ती


लखनऊ में पुलिस के अधिकारियों ने एक ऐसे फ्रॉड को गिरफ्तार किया है जो दवा के व्यापारियों से जीएसटी के नाम पर फर्जी असिस्टेंट कमिश्नर बंद कर लाखों रुपए कमा रहा था उसके पास से एक नीली बत्ती कार भी बरामद हुई है जिस पर भारत सरकार लिखा हुआ पुलिस के अनुसार मेडिकल स्टोर के स्टार में गड़बड़ी का हवाला देकर संचालकों से कोविड-19 संबंधी इंजेक्शन उपकरण समेत तमाम रुपए वसूल रहा था लखनऊ पीजीआई खाने को गिरफ्तार किया है इस तरह के महामारी को भी अवसर मानकर तमाम लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं जो मानवता के नाम पर क्रॉसरीवर कलंक है

लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीमों ने गुरुवार सुबह दवा की दुकान पर चेकिंग करने पहुंचे जीएसटी के फर्जी असिस्टेंट कमिश्नर समेत दो जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों नीली बत्ती लगी कार से दवा की दुकान पर चेकिंग करने पहुंचे थे। आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र भी मिला है। इन दोनों के दो साथियों को गाजीपुर पुलिस ने दो दिन पहले ही रेमडेसिविर इंजेक्शन व लग्जरी वाहन के साथ गिरफ्तार किया था। जिनसे पूछताछ के बाद गुरुवार को इन दोनों को भी दबोच लिया . लखनऊ तो बानगी है सम्भव है हर जिले में इसतरह की ठगी होरही हो

इस पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों को वहीं से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए रीतेश उपाध्याय व अखंड प्रताप को दो दिन से पुलिस तलाश रही थी। पता चला कि ये दोनों कई दिनों से दवा की दुकानों व एजेंसियों पर चेकिंग के नाम पर वसूली कर रहे थे। दोनों से पूछताछ की जा रही है।


दरअसल, गाजीपुर थाने की पुलिस ने दो दिन पहले लग्जरी कार सवार दो लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा था। दोनों से पूछताछ में रीतेश उपाध्याय व अखंड प्रताप सिंह का नाम भी पता चला था। इसके चलते इन दोनों को पुलिस तलाश रही थी और गुरुवार को आखिरकार ये दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। मामले में पीजीआई थाने में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

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