बाबा रामदेव मोदीराज में कुछ अधिक ही बड़बोले होगये है.आज पूरी दुनिया का जीवन अगर सुरक्षित है तो उसका कारण एक मात्र एलोपैथी ही है.अभी उनका बयान की एलोपैथी दवा करने से लाखों लोग मर गए ,इस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएक्शन ने आपत्ति जताते हुए कहा है, रामदेव यातो बयान वापस लेकर खेद प्रकाश करे या सवास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन एलोपैथी व्यवस्था बंद कराए.
राम देव इस समय भाजपा के अभ्यारण्य में घूम रहे है.उन्हें उस समय अनाप शनाप बोलने से कोई रोकने वाला नही उर्सपर भी राज्याश्रय प्राप्त! उनके बयान की जितनी बजी निंदा की जय कम ही है.आज जब वैश्विक महमामारी से सम्पूर्ण मानवता त्राहिमाम कर रही है उस समय रामदेव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण ही है.दुर्भाग्य तो यह बजी है न जाने कितने चेहरे रामदेव के है पर मोदी,योगी की विरुदावली के सुरक्षा कवच दे आच्छादित रामदेव अपना अतीत भी भूलने के अभ्यासी है.
निःसन्देह यदि आयुर्वेद पर सब कुछ टिका होता हो बालू केI दीवाल की तरह खरखरा कर गिर जाती आयुर्वेद की दीवाल.और मृत्यु का औसत काफी हदतक बढ़ जाता.विपत्ति में रामदेव कोअपने अलग राग अलापने के बजाय सभी स्वास्थ्य शैली को उत्साहित करना चाहिये नकि हतोत्साहित.सरकार को भी रामदेव की एलोपैथी वाले बयान का संज्ञान लेकर कठोर करवाई करनी चाहिए.
सरकार को चाहिए रामदेव का व्यावसायिक मानसिक परीक्षण कराए.