हत्यारों कीएक गलती से हत्यारों तक पहुंची पुलिस

 



जौनपुर।  अपराधी कोई न कोई ऐसी चूक कर ही बैठते हैं जिनसे कानून  हाथ उनके गिरेबां तक पहुंच जाते हैं। यही हुआ फिरौती के लिए अगवा कर बालक की हत्या करने वाले आइटीआई के हत्यारोपित दोनों छात्रों के साथ। गैरवाह में जिस किशोर का मोबाइल फोन काल करने के लिए मांगा और छीनकर भाग निकले, उसने उनकी बाइक का नंबर याद कर लिया। इसी सूराग ने पांच घंटे के भीतर पुलिस को कातिलों तक पहुंचा दिया। शाहगंज के गोशाला के समीप निवासी पैथालाजी संचालक दीपचंद यादव के सात वर्षीय पुत्र अभिषेक   का फिरौती के लिए अपहरण किए जाने की खबर लगते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने   छह टीमें गठित कर दीं। अभिषेक के अपहरण की घटना का न तो कोई चश्मदीद था और न ही रंजिश जैसी कोई बात। ऐसे में पुलिस के लिए अपहर्ताओं तक पहुंचना आसान नहीं था।  
 छानबीन में जुटी टीमों ने तुरंत सर्विलांस पर उस मोबाइल फोन नंबर को लगाया जिससे मैसेज कर फिरौती की मांग की गई थी। वह नंबर निकला सरपतहां थाना क्षेत्र के गैरवाह गांव निवासी अधिवक्ता अर्जुन सिंह के भतीजे अमितेंद्र का। पुलिस ने अमितेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे वह गांव में सड़क पर था। तभी बाइक सवार दो युवक उसके पास आए। किसी से बात करने के बहाने उसका मोबाइल फोन मांगा और लेकर भाग गए। अमितेंद्र के याद कर लिए बाइक का नंबर बताते ही पुलिस को कारगर क्लू मिल गया। बाइक के नंबर से डिटेल निकाल कर मूलतरू सुल्तानपुर जिले के करौंदी निवासी रमेश श्रीवास्तव के पुत्र शिवम व चिरैया मोतिहारी (बिहार) निवासी रामानंद बिहारी के पुत्र आकाश को दबोच लिया। पुलिस के सख्ती करते ही दोनों ने अभिषेक की हत्या कर शव जमुनिया गांव में पानी टंकी परिसर में छिपाना स्वीकार कर लिया। ज्ञात हो कि दीपचंद के घर के पास कालोनी में किराए के कमरे में रहने और अक्सर उनके घर आने-जाने वाले शिवम ने फिरौती के लिए अभिषेक के अपहरण की साजिश रची। 
अपने सहपाठी आकाश को भी शामिल कर लिया। उनका इरादा था कि घर से ट्यूशन के लिए जाते समय अभिषेक को घुमाने के बहाने बाइक पर बैठाकर करीब 12 किलोमीटर दूर जमुनिया में सुनसान पानी टंकी परिसर में छिपा देंगे। इसके बाद दीपचंद से फिरौती की रकम मांगेंगे। रकम मिलने के बाद बालक का पता बता देंगे। पूर्व नियोजित ढंग से अभिषेक को लेकर आधे घंटे में पानी टंकी तक पहुंच गए। बालक जब वहां शोर मचाने लगा तो दोनों को लगा कि पास खेत में काम कर रही महिलाओं ने देख लिया है। बालक उन्हें पहचानता है। ऐसे में उनका भांड़ा फूट जाएगा। इसी डर से दोनों ने मफलर से गला घोंटकर अभिषेक को मार डाला और शव वहीं छिपाकर भाग गए।

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