श्री राम जन्म भूमि तीर्थ तीर्थ क्षेत्र का जारी लोगो अर्थ का अनर्थ कर रहा है।कल जारी लोगो को देखने के बाद लोगोने प्रतिक्रिया देना आरम्भ करदिया है अयोध्या, वाराणसी,बस्ती आदि स्थानो पर जानकारों ने कहा बिना विद्वानों के परामर्श के लोगो का संस्कृत में ध्येय वाक्य नही डालना चाहिए था।नजाने किस जल्दबाजी में तीर्थ क्षेत्र के जिम्मेदार सदस्यों ने अर्थ का अनर्थ कर डाला।
हुआ यह कि श्रीमद बाल्मीकी रामायण मर अरण्य कांड में लिखा है"रामो विग्रहवान धर्म:"अर्थात श्री राम का जीवन अधर्म के लिए है जबकि होना था"रामो विग्रहवांन धर्म:अर्थात राम का जीवन धर्म की स्थापना के लिए हुआ है।इतनी बड़ी त्रुटि को किसी की अज्ञानता पर नहीं छोड़ा जासकता।
पूर्वांचल विद्वत परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ तिवारी ने अयोध्या के विद्वानों से परामर्श कर तीर्थ क्षेत्र के जिममेदारो सेआग्रह किया था कि लोगो अर्थ का अर्थ कर रहा है।इस त्रुटि को विग्रहवांन में हलन्त लगाने से सार्थकता बढ़ जाती है।अस्तु श्री चम्पत राय महासचिव ने सुधार कर विग्रहवांन में आधा न (हलन्त)
लगाकर दूसरा लोगो जारी कर त्रुटि केलिये खेद व्यक्त किया है।