चार जून को भारत का पार्थ फिर विजयी होगा यह देश की नियति है

 इस समय देश की सरकार चुनने का जो अभियान चल रहा है .उसमें अंतिम प्रयास एक जून को होना है अर्थात चक्रव्यूह का सातवां द्वार की जो रचना भारत निर्वाचन आयोग ने सात चरणों में की है, सातवां द्वार 1 जून को संपन्न होना है .


छठवें चरण में भीषण गर्मी के बीच लाखों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस गर्मी में जिन भी लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया है उनकी सराहना की जानी चाहिए. निश्चित ही हमें याद रखना चाहिए की 5 साल में एक बार हमें अपने देश की सरकार चुनने का अवसर मिलता है तब इस अवसर को क्यों चूके .

अंतिम चरण के मतदाताओं को प्रेरणा लेकर मतदान का संकल्प लेना चाहिए .गत शनिवार को जब छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों के लिए मतदाता घर से निकला तब कई राज्य में गर्म हवा की चेतावनी मौसम विभाग जारी कर चुका था, परंतु पिछले कई दिनों से राजनीतिक गर्मी इतनी बढ़ चुकी थी कि मतदाताओं ने अपने मताधिकार के प्रयोग से राजनीतिक विमर्श को उत्तर देने का निर्णय लिया.

4 जून को ही पता चलेगा मतदाताओं में किसके विमर्श का समर्थन किया और किन की बातों का विरोध किया है .फिलहाल तो उत्साह की बात है कि कई प्रकार के नकारात्मक चर्चाओं के बाद भी मतदाताओं ने चुनाव आयोग और लोकतंत्र में विश्वास रखा है .छठवें चरण में 59% से अधिक मतदान हुआ .सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में वही सबसे कम 52% जम्मू कश्मीर में मतदान हुआ.जम्मू कश्मीर में 35 वर्षों में सबसे अधिक मतदान दर्ज किया गया है .

2014 में दर्ज मतदान के आंकड़ों में 9% की वृद्धि हुई है अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए लोगों ने कश्मीर के प्रति अपने समर्पण को व्यक्त किया. वर्षों तक प्रदेश और प्रदेश का शासन करने वाले कभी भी उनके हितों की चिंता नहीं कर रहे थे .प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने कश्मीरी हिंदुओं के दर्द को समझा सातवें चरण में मतदाताओं ने बताना होगा कि चुनाव कितना महत्वपूर्ण है. अगर हम ठीक नेतृत्व करेंगे तो परिणाम भी अच्छा आएगा.

देश के विकास और भारत की एकता अखंडता के लिए सर्वाधिक मतदान करके अंतिम चरण के मतदाताओं को उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए .उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से लेकर वाराणसी तक का मतदाता जिस जागरूकता के साथ अनेक धटा बताकर तापमान की बढ़ोतरी को झेलता हुआ मतदान 6 चरणों में किया है और सातवां फाटक एक जून को तोड़ेगा यह सब क्रिया और सिद्धि का ही परिणाम है .परिवर्तन का विधाता मतदाता जब भी जागरूक होता है तो परिवर्तन निश्चित होता है और इस समय जिस तरह से असामाजिक तत्वों द्वारा देश घाती शक्तियों द्वारा बाहरी एजेंसी से देश पर चौतरफा वैचारिक आक्रमण करने का प्रयास हो रहा है उसे समय नरेंद्र मोदी अकेले इस मैदान में पार्थ हर शत्रु से निपटने का समर्थ रख रहे हैं, इसलिए नरेंद्र मोदी के देश को भारत वैश्विक महाशक्ति बन ,देश की आर्थिक शक्ति बने ,देश के सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो, देश का आर्थिक विकास हो ,भाई भतीजा बात समाप्त हो ,परिवारवाद समाप्त हो और क्षेत्रवाद को समाप्त करते हुए हिमालय से हिंद महासागर तक और कच्छ से कामरूप तक का जो अखंड भारत है वह अखंड रहते हुए सारे विश्व में अपना परचम लहरायेऔर दुनिया अपने नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर प्रधानमंत्री प्राप्त करने का गौरव प्राप्त करें .

अनेक कठिनाइयों से पार करते हुए नरेंद्र मोदी ने यह सिद्ध कर दिया है कि नरेंद्र मोदी में वैश्विक नेता बनने की शक्ति है और विश्व को संकटों से उबारने के लिए शक्ति है .नरेंद्र मोदी के आवाहन पर रूस और यूक्रेन का युद्ध रोक सकता है, ईरान इराक का युद्ध रोक सकता है , फिलिस्तीन और इजराइल का युद्ध रुक सकता है तो संयुक्त राष्ट्र को इस विश्वास के साथ सार्थक प्रयास करते हुए भारत को अस्थाई सदस्यता देने का पहल करते हुए नरेंद्र मोदी को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए भरपूर प्रयास करना चाहिए.

मेरी मानता है कि नरेंद्र मोदी सर्वे भवंतु सुखिन : सपनों को साकार करने में और सारे संसार को अपना भाई बंधु बनाने में समर्थ होंगे और उनके नेतृत्व में विश्व शांति के लिए भारत की पहल अनूठी होगी .इसलिए 4 जून की गणना के बाद नरेंद्र मोदी को पूर्ण बहुमत से दिल्ली की सरकार पर पदारूढ़ होने की कौटिल्य का भारत समाचार पत्र की ओर से प्रसन्नता बधाई. चुनावी महाभारत में एकबार पार्थ फिर विजयश्री हासिल करे.

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