वशिष्ठंगर/बस्ती
भगवान राम की नगरी अयोध्या में कहने के लिए तोअसाधारण लग रही है . असाधारण लोग वहां काम भी करते हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का कार्यक्रम किसी भी जगह के लिए असाधारण होता है. उनके स्वास्थ्य की चिंता करना स्थानीय और प्रदेश प्रशासन का पूरा दायित्व होता है. उनके सुरक्षा संरक्षण में किसी भी प्रकार की ढील गंभीर दुर्व्यवस्था को आमंत्रित करती है .
गत 1 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन हुआ और 5 में को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलाल के दर्शन के बाद विशेष रूप से यात्रा निकाली .दुर्भाग्य इस बात का है कि प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की चिंता करने वाला डॉक्टर ही फर्जी निकला. फर्जी डिग्री के आधार पर उसने ड्यूटी हासिल की और उसकी तैनाती भी.
फर्जी डाक्टर प्रकरण ने जब तूल पकड़ा तो संदिग्ध फर्जी चिकित्सक सीएमएस को त्यागपत्र देकर गायब हो गया. सूत्रों के अनुसार केजीएमयू के डिग्री फर्जी साबित हुई .आप डी जी हेल्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश की समीक्षा और प्रतीक्षा में है.
23 दिसंबर 2023 को डॉक्टर विनोद सिंह जिला अस्पताल अयोध्या में तैनात हुए जॉइनिंग के बाद करीब दो माह तक विनोद सिंह अस्पताल से गायब रहे और उसे समय उनका वेतन मिलता रहा .इसको अजब दबाव बना तो उन्होंने ड्यूटी आरंभ की कथित डॉक्टर ने एक माह में करीब दो दर्जन से अधिक भी वी आई पी एंबुलेंस ड्यूटी की. इस बीच उस पर शक होने पर सीएमएस की तरफ से वेतन रोककर डिग्री जांच का फैसला किया गया.
उसको संदेह होने पर सीएमएस को इस्तीफा देकर के डॉक्टर फरार हो गया .
बस्ती के गेंदा सिंह अयोध्या के विनोद सिंह का प्रकरण एकही चरित्र का
इसी तरह से 2012 में बस्ती जिले में एक फर्जी चिकित्सक डॉक्टर गीता सिंह पकड़े गए थे जिसे लोग अब डॉक्टर विनोद सिंह से जोड़कर देख रहे हैं पुलिस को गिरफ्तारी के दौरान गीता सिंह पास से दो ड्राइविंग लाइसेंस मिले थे जिसमें यह गीता सिंह का और दूसरा विनोद कुमार सिंह के नाम का था अब लोग इस विनोद को यहां पर तैनाती वाले चिकित्सक बता रहे हैं