पुलिस को फर्जी सूचना देकर अल्पंख्यक कल्याण अधिकारी के अनुग्रह पर बन बैठा प्रबंधक!

 बस्ती/गायघाट


सरयू के पेटा में स्थित श्रीराम जानकी मार्ग पर ऐतिहासिक गायघाट कस्बे में कथित डॉक्टरी का पैसा करने वाले श्री किताबउल्लाह पुत्र करीमुल्ला प्रबंधक मदरसा जामिया अरबिया अशरफिया गायघाट थाना कलवारी जनपद बस्ती ने अनेक मामलों में अपने कृतित्व से अपने संभ्रांत होने का अधिकार खो दिया है. इस देश  में  डॉक्टर का पैसा गलत हो या सही पर आम आदमी डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप मानता है ,बिना डाक्टरी पास किया अपने अनुभव के आधार पर आम आदमी की सेवा करने और बाहवाही बटोरने में किताब उल्ला का कोई सानी नहीं रहा है .

 यद्यपि अब उनका बेटा विधिक रूप से डॉक्टर हो चुका है और उसके संरक्षण में  किताबुला भी अपने अनुभवों का फायदा जनता और अपने बेटे को दे रहे हैं ,इसी क्रम में विद्यालय के  प्रबंध समिति के मेहदी हैं नेआरोप लगाया है कि डॉक्टर ने जिस कथित मदरसा जामिया अशरफिया गाईघाट बस्ती के प्रबंधक हैं वह अवैध हैं,मेहदी हसन  का कहना है की दोनों पक्षों से मामला सहायक रजिस्टार चित और फंड गोरखपुर के यहां चल रहा है जहां सहायक रजिस्टर ने किसी को भी प्रबंधक न मानने का आदेश जारी किया है, साथ ही उन्होंने  कहा की दोनों ओर की आपत्तियों को दोनों प्रबंधकों की सूची को लेकर तत्कालीन उप जिलाधिकारी बस्ती सदर को यह निर्देश दिया गया था कि दोनों सुचिया मंगा कर सत्यापन करके विधिक कार्यवाही करें.


किताबउल्ला ने हाईकोर्ट की शरण ली हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया परंतु हाई कोर्ट के आड़ में उन्होंने अपने को तत्कालीन अल्पसंख्यक जिला कल्याण अधिकारी धर्म देव तिवारी से के अनुग्रह से जहा विद्यालय का सिंगल ऑपरेशन चल रहा था उसको विधिक रूप से अपने को प्रबंधक बनवा लिया ,जबकि यह भी गलत था .

कानूनन जब मामला हाईकोर्ट में हो या किसी भी न्यायालय में विवाद चल रहा हो प्रबंधकीय का उसे समय किसी को भी कोई भी अधिकार नियुक्ति का नहीं है परंतु किताबउल्लाह ने विवादित प्रबंध समिति के रहते हुए भी अपने दो रिश्तेदारों  की लडकियों को मदरसे में अध्यापक नियुक्त कर लिया .कुछ ही दिन बाद रिश्तेदार लड़कियों को अपने दोनों पुत्रों से शादी करकर विधिक रूप से बहू की मान्यता भी दे दी .

जब सहायक रजिस्ट्रार ने दोनों पक्षों से कागजात मांगे तब डॉक्टर के  ने स्थानीय थाना कलवारी में दिनांक 6 .12 .2014 को एक प्राथमिक की दर्ज कराई की विद्यालय से संबंधित सारे कागज गायब हो गए.  जिसका लाभ उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के यहां से प्राप्त कर लिया.

 परंतु बताते हैं कि आरटीआई के तहत यह जानकारी आई है जन सूचना अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती ने अपने 12. 3 .2019 के पत्र के हवाले से सूचना दिया है कि 6. 12. 2014 को किताबउल्लाह पुत्र करीमुल्ला साकिन गायघाट थाना कलवारी नाम जो कथित प्राथमिक की थाने में दर्ज कराई थी उसका कोई भी अभिलेख थाने में अंकित नहीं है ,अर्थात यहां भी उन्होंने कूट रचना किया .तत्कालीन थाना अध्यक्ष जयप्रकाश दुबे ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि हमारे थाने में किसी भी प्रकार की कोई भी शिकायत इस आशय की दर्ज नहीं की गई है. यद्यपि किताबऊल्लाह एक विवादित  नाम है परंतु अपनी प्रबंधकिय  हथियाना के लिए उन्होंने अपनी  स्थानीय नेताओं और अपने रसूख का राजनीतिक ढाल बनाकर के फायदा लिया .

आरटीआई से जन सूचना अधिकारी ने मेहदी हसन पुत्र सफ्रीमोहम्मद को लिखित रूप से अवगत कराया है थाना  में अभिलेख के अनुसार दिनांक 6 .12. 2014 को किताबउल्लाह पुत्र करमुल्ला सकींन गायघात थाना कलवारी जनपद बस्ती द्वारा दस्तावेजों के गुमशूदगी की  की सूचना कराया जाना अभिलेखों में अंकित नहीं है .इस तरह से किताबउल्लाह ने विद्यालय की प्रबंधकी हथियाने के लिए कूट रचना किया, जिसको सरकार को और विभाग को फर्जी सूचना देने के आरोप में उनके खिलाफ धारा 420 के में एफआईआर दर्ज की जानी थी .जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

 मोहम्मद हसन ने  किताबुल्लाह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 सहित अन्य सुसंगत धाराओं में सरकार से मांग की है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. उन्होंने इस आशय का पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पंजीकृत डाक से भेजा है. 

ज्ञातव्य है  सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने में किताब उल्ला का अहम रोल रहा करता है . कथित नेताओं को अपनी अनुग्रह से अनुग्रहित करके अपना उल्लू सीधा करने का काम करते रहते हैं.  इस तरह के लोगों को कब तक कानूनी संरक्षण मिलता रहेगा .मेहदीहसन की मांग है कि किताबऊल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करें सरकार, और अनेक प्रकार की असामाजिक संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने के कारण उनकी यस आई टी  से जांच भी करने की मांग की है.

ज्ञातव्य हे की 2012फरवरी में किताबुलाह के घर  अवैध अस्लहो का जखीरा भी पुलिस ने बरामद किया था,जिसकी न्यायिक प्रक्रिया  मुकदमे के रूप में चल रही है,


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