प्रयागराज हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को सुझाव,हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की पहल करें

 प्रयागराज

प्रयागराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धोखाधड़ी और षड्यंत्रकारी के आरोप में अग्रिम जमानत सुनवाई करते हुए हिंदी को राष्ट्रभाषा को लेकर बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी की है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने का कानून बनाने का सुझाव दिया है .

कोर्ट का कहना है कि देश की अन्य भाषाओं का भी सम्मान हो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी धोखाधड़ी षड्यंत्र के आरोपी सेवानिवृत अध्यापक की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए उसके साथ ही कोर्ट ने एटा जिले के निवासी यांची वीरेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है और ₹50000 के व्यक्तिगत मचल के पर दो प्रतिभूतियों के साथ उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा है कि 14 सितंबर को हिंदी में लिखो आदेश हिंदी दिवस को समर्पित हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली समझी जाने वाली और पढ़ी जाने वाली भाषा हिंदी है

 यह संपूर्ण भारतवर्ष की भाषा है यह जी प्रतिष्ठा के अधिकारी है हमने उसे नहीं दिया दूसरी तरफ सैकड़ो वर्षों का गुलाम रखने वालों की भाषा देश के अदालतों व उच्च संस्थानों की भाषा बनी हुई हैहाई कोर्ट ने कहा है कि 14 सितंबर 201949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा बना मानना और देवरग्री लिपि को मान्यता दी कोर्ट ने कहा कि बड़े ग्रंथ संस्कृत में हिंदी भाषा में लिखे गए हैं धार्मिक सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में हिंदी में अपनी अमित साथ छोड़ी है कोर्ट ने अभी कहा कि संपूर्ण भारत में कवियों की भाषा स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों के जोशीले नारों की भाषा भी हिंदी ही है.

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