जिन्होंने पटना महावीर मन्दिर पर दावा किया वे हनुमानगढ़ी अयोध्या के कथित महन्थ माफ़ी मांगे और हनुमान गढ़ी का आय सार्वजनिक करें ।अन्यथा जाँच होगी तो ईडी और मनी लांड्रिड के दायरे में होंगे--आचार्य कुणाल कुमार आईपीएस

 स्ती/अयोध्या,14 जुलाई

भारतीय संस्कृति के संरक्षण और उसके मूल तत्व पर सदैव चिंतन मनन करने वाले जिनके आराध्य दशरथ नंदन श्री राम के परम भक्त चिरंजीवी हनुमान जी हैं जिनको यह बताया जाता है राम से बड़ा राम करता था ।परंतु लगातार सैकड़ों वर्षो से राम जन्म उनके आंदोलन को हमेशा बेक गियर   व् हमेशा आगत भक्तो से झणप तक करने वाले जहाँ श्री हनुमान गढ़ी के कुछ कथित महन्थ पुजारियो का वाद विवाद से पुराना रिस्ता है, ने पटना के श्री महाबीर मन्दिर को अपना पटाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।



आचार्य कुणाल कुमार ने कहा है कुछ विघ्न सन्तोषी जिनका सम्बन्ध  अयोध्या से है वे खुद जाँच के दायरें मे आसकते है । हनुमानगढ़ी के कुछ कथित महन्थ खुद जांच के दायरे में आते दिखाई दे रहे है ।दायरा निश्चित करने वाले कोई और नहीं बल्कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में अपनी ईमानदारी का परचम फहराने वाले आचार्य श्री कुणाल कुमार आईपीएस ने श्री प्रेस वार्ता करके हनुमानगढ़ी के तमाम बौद्धिक संपदा से हीन कथित महंथों के बारे में टिप्पणी की ।कहां गया है कि पटना का हनुमान महावीर मंदिर ,हनुमानगढ़ीक्याग से संबंध है जबकि आचार्य कुणाल कुमार पटना के महावीर मंदिर के सचिव भी हैं उन्होंने पहुंचकर हनुमानगढ़ी के आचार्यों को और महंतों को ललकार ते हुए कहा अपनी सीमा में रहे ,अन्यथा ईडी और आयकर के दायरे में मंदिर की आ सकती है।

उन्होंने कहाँ हे कि मैंने और कोर्ट जाने का मन बना लिया तो हनुमानगढ़ी के कई मठाधीश मनी लांड्रिंग ,ईडी केस में आ जाएंगे ।आचार्य कुणाल कुमार ने यह भी कहा अगर हनुमानगढ़ी के कथित महाथ मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों पर माफी नहीं मांगते तो हम कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य हो जाऊंगा ।इसका उत्तरदायित्व हनुमानगढ़ी के महंतों का होगा ।उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा कि पहले हम प्रहार नहीं करते लेकिन प्रहार का जवाब देने के लिए सक्षम हैं ।


बताते हैं कि हनुमानगढ़ी के महंतों ने कहा है कि पटना महावीर मंदिर कब्जा करेंगे और इसका जवाब आईपीएस ने कहा जबाब आईपीसी में दिया जाएगा। आचार्य कुणाल कुमार ने कहा 22 जून को हनुमानगढ़ी के संतो ने पटना मंदिर के बेवजह बखेड़ा खड़ा कर दिया है ,आचार्य का कहना है कि अब पटना का महावीर मंदिर अयोध्या के हनुमानगढ़ी दोनों में कोई साम्य नहीं है उनके दावा की कोर्ट में खारिज कर दिया गया है। महावीर मंदिर जेबी संगठन नहीं है।

इस ट्रस्ट के कई पदाधिकारी हैं ,महावीर मंदिर की आए 11 हजार से लेकर के ₹10 लाख प्रति दिन होती है

और पूरा लेखा-जोखा कोई भी मांग कर देख सकता है ।आचार्य कुणाल कुमार ने कहा बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने अयोध्या के हनुमानगढ़ी का दावा खारिज कर दिया है। अपने फैसले में लिखा है महावीर मंदिर का हनुमानगढ़ी अयोध्या से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। बिहार राज धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन ने अपने फैसले में अन्न क्षेत्र , कहा है कि महावीर कैंसर संस्थान जैसे 5 बड़े अस्पतालों के सफल संचालन ,राम रसोई ,सीता रसोई जैसे क्षेत्र के महावीर मंदिर न्यास की सर्वत्र प्रशंसा होती है।

आचार्य कुणाल कुमार ने कहा है क़ि न्यायालय में अपने फैसले के बाद बिहार मे एक पार्षद महावीर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास का वर्णन किया है विभिन्न मान्यताओ के आधार पर निष्कर्ष निकलता है कि सन् उन्नीस सौ में इस जमीन को इंडिया कंपनी ने दी थी स्थानीय पुजारी पूजा करते थे। अब वहाँ की व्यवस्था 9 सदस्य बोर्ड करता है।

श्री आचार्य कुणाल कुमार ने कहा है कि पटना का महावीर मंदिर महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल ,महावीर आरोग्य संस्थान ,महावीर नेत्रालय ,महावीर हार्ट हॉस्पिटल का संचालन कर अनेक लोगों को सुविधाएं दे रहा है।

श्री कुमार का बयान ऐसे समय आया है श्री राम जन्म भूमि पर राम लला लला का भव्य मन्दिर निर्माण अंतिम चरण में है। और यदि हनुमान गढ़ी का हिसाब देना भीं पड़ा तो तमाम कथित मठाधीशो की कलई खुल जायेगी। श्री कुणाल द्वारा लगाया गयाआरोप प्रायः हरभक्त जो श्रीं हनुमान गढ़ी जाता उसके मन में वहां की दुर्व्यवस्था के प्रति आस्था और विश्वास के कारण खीझे व् बुझें मन से उलटी सीढ़ियों से वापस आजाता है।



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