आतंकवाद एवम् कट्टरपंथी विचारधारा वाला पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या से हर कोई सन्न है कन्हैया लाल की निर्मम हत्या कर वीडियो सोसल मीडिया पर अपलोड कर देश तथा माननीय प्रधान मंत्री को तालिबानी रूप में धमकीं देने वाले दोनों आरोपियों का दावत-ए-इस्लामी से कनेक्शन और इस हत्याकांड में दावत-ए-इस्लामी की अहम भूमिका ।
दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान की सुन्नी इस्लामिक संगठन है इसकी स्थापना 1981 में कराची में हुई थी
। मौलाना मोहम्मद इलियास अत्तारी कादरी ने इस संगठन की शुरुआत की थी ।फौरी तौर पर बात करें तो ये संगठन दुनिया भर में कुरान और सुन्नत का प्रचार करता है परंतु इन पर पहला आरोप यही है कि ये सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं हैं ।
1989 में पाकिस्तान से उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया था । बातचीत के बाद भारत में दावत-ए-इस्लामी की स्थापना की गई जिसका मुख्यालय दिल्ली और मुंबई बना। सईद आरिफ अली अटारी, भारत में संगठन के नेता के तौर पर काम कर रहे हैं हालांकि यहां दावत-ए-इस्लामी पर कई तरह के आरोप लगते हैं सबसे पहला आरोप धर्मांतरण और दूसरा कट्टरता फैलाने का है ।
वर्ष 2021 के दिसबंर महीने में हैदराबाद में संगठन ने दो दिवसीय कार्यक्रम रखा लेकिन इनके कार्यक्रम के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने ही मोर्चा खोल दिया इन मुस्लिम संगठनों ने कहा कि दावत-ए-इस्लामी धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देता है यदि इनका कार्यक्रम होता है तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है I देश में दावत-ए-इस्लामी 1990 के दशक में क़दम रखा था आज वह देश हर राज्य, जिले व शहर में फैल चुका है तथा बड़े पैमाने गुप्त रूप से धर्मांतरण कार्य एवम् कट्टरवाद को मदरसे द्वारा संचालित करता है
बताया जाता है कि दुनिया के 194 से ज्यादा देशों में ये संगठन सक्रिय है I दुनिया भर में ये संगठन 30 से ज्यादा कोर्सेज़ चलाता है I उदयपुर हत्याकांड में बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी इसी संस्था के ऑनलाइन कोर्स से जुड़े हुए थे I इसकी वेबसाइट देखने पर पता चलता है कि यहां दो तरह के कोर्सेज़ चलाए जाते हैं- लड़कों के लिए अलग, लड़कियों के लिए अलग।
दावत-ए-इस्लामी अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए मदनी नाम का एक टीवी चैनल चलाता है I इसमें उर्दू के साथ-साथ अंग्रेजी और बांग्ला में भी कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है I संगठन के सदस्य आमतौर पर हरी रंग की तालिबानी पगड़ी पहनते हैंI कुछ सदस्य अब सफेद तालिबानी पगड़ी भी पहने लगे है।
भारत में दावत-ए-इस्लामी मुसलिम दुकानों पर जगह–जगह पारदर्शी प्लास्टिक के चंदा बाक्स लगाकर अरबों रुपये चंदा एकत्रित कर अपनी शाखा का भारत एवम् विश्व में विस्तार करता हैं I
आतंकी घटनाएं एवम् दावत-ए-इस्लामी :-
दावत-ए-इस्लामी का नाम आखिरी बार 2020 में एक आतंकवादी हमले की जांच के दौरान सामने आया था । ज़हीर हसन महमूद नाम के एक पाकिस्तानी आतंकवादी ने 25 सितंबर को फ्रांस की पत्रिका चार्ली हेब्दो के पूर्व मुख्यालय के बाहर चाकू से हमला किया था । चाकूबाजी के हमले में दो लोग घायल हो गए और आतंकवादी- को गिरफ्तार कर लिया गया I हमले की जांच के दौरान, फ्रांस के अधिकारियों ने दावा किया कि जहीर दावत-ए-इस्लामी के नेता मौलाना इलियास कादरी को अपना मार्गदर्शक मानता है I दावए-ए-इस्लामी का नाम कई आतंकी घटना में आया हमलावर मोहम्मद इलियास अत्तारी कादरी सें प्रभावित होकर कार्य को आतंकी घटना को अंजाम देता है ।
इंडियाटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में गवर्नर सलमान तासीर का हत्या करने वाला मुमताज कादरी भी दावत-ए-इस्लामी और उसके नेता इलियास कादरी का अनुयायी था । इलियास ने मुमताज कादरी को 'गाजी' घोषित किया था I सलमान तासीर की हत्या के बाद, पाकिस्तानी सिक्योरिटी एजेंसीज़ ने दावत-ए-इस्लामी के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई थी और संगठन की गतिविधियों को कम करने का फैसला किया ।
इसके अलावा स्कॉटलैंड के ग्लासगो में 2016 में एक ब्रिटिश पाकिस्तानी अहमदिया शख्स जिसका नाम असद शाह था उसकी हत्या में भी दावत-ए-इस्लामी का नाम सामने आया था । हत्या करने वाला तनवीर अहमद पाकिस्तानी बरेलवी मुस्लिम था जो दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा हुआ थाI तनवीर को 27 साल की सजा सुनाई गई थी। यह संगठन ऑनलाइन कोर्स कराता है और जिहादी बनने की के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी देता है ।
संगठन से जुड़े लोग नाम के साथ लगाते हैं अत्तारी :-
मौलाना इलियास अत्तारी की वजह से ही दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े लोग अपने नाम के साथ अत्तारी लगाते हैं । उदयपुर में हुई हत्या का आरोपी मोहम्मद रियाज भी अपने नाम के साथ अत्तारी लगाता है उसने अपनी वीडियो में अपना नाम मो0 रियाज़ अत्तारी बताया है ।
कन्हैया लाल की निर्मम हत्या तथा माननीय प्रधान मंत्री को धमकीं देने वाले दोनों व्यक्ति दावत-ए-इस्लामी के सदस्य है जो कि एक पाकिस्तान कि आतंकवाद संगठन है ।
दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान की एक आतंकवादी संगठन है। इसका मुख्य कार्य धर्मांतरण, कट्टरता तथा आतंकवाद को बढ़ाया देना है ।दावत-ए-इस्लामी को मानने वाले कट्टरवादी तालिबानी मानसिकता के होते है जिससे देश को अत्यंत खतरा है । भारत में दावत-ए-इस्लामी को मानने वालो की संख्या अत्यधिक है देश में यह बहुत तेजी सें अपना विस्तार करता चला रहा है । दावत-ए-इस्लामी की कट्टरवादी तालिबानी मानसिकता के कारण अरब देशों में ये संगठन प्रतिबंधित है I
हाल ही में छत्तीसगढ़ के रायपुर में राज्य की कांग्रेस सरकार ने दावत-ए-इस्लामी को 25 एकड़ (10 हेक्टेयर) जमीन देकर भव्य इस्लामिक सेंटर बनवाने की अनुमति दी है ।
अंत: देश में दावत-ए-इस्लामी को प्रतिबंध लगाना देश की सुरक्षा की दृष्टि से अति आवश्यक है ।बताते है दावते इस्लामी का एक सरगना का सम्बंध खलीलाबाद, संतकबीरनगर से भी है।निकट भविष्य में यह संगठन देश की अखंडता को बड़ा खतरा बन सकता है।जबकि गुप्तचर एजेंसियों के कान पर जू तक नही रेग रहा
(राजेंद्र नाथ तिवारी)