दुराचार के आरोपी सांसद अतुलराय को क्लिनचिट देने वाला सीओ अमरेश सिंह बघेल बर्खास्त



मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।

 घोसी सीट से बसपा सांसद अतुल राय पर दुराचार का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में शासन ने जिला जेल में बंद निलंबित डीएसपी अमरेश सिंह बघेल को बर्खास्त कर दिया है। राज्य मुख्यालय पर पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने इसकी पुष्टि की है।


गौरतलब है कि बसपा सांसद अतुल राय पर वाराणसी के लंका थाने में बलिया की रहने वाली एक युवती ने 1 मई 2019 को दुराचार और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज कराए गए इस मुकदमे को फर्जी करार देते हुए अतुल राय के पिता ने पुलिस अधिकारियों से उक्त प्रकरण की जांच की मांग की थी। इस मामले की जांच तत्कालीन सीओ भेलूपुर अमरेश सिंह बघेल ने की थी और उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में पीड़िता के आरोप को निराधार बताते हुए इस पूरे प्रकरण की दोबारा विवेचना किये जाने की बात कही थी। इस मामले में वर्ष 2020 में अमरेश सिंह बघेल निलंबित कर दिए गए थे और उनके खिलाफ जांच भी चल रही थी।

16 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के सामने पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने आत्मदाह का प्रयास किया था। बाद में दोनों की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। इस घटनाक्रम की जांच के लिए शासन द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही पिछले दिनों वाराणसी के लंका थाने में अमरेश सिंह बघेल के खिलाफ पीड़िता और उसके गवाह को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। लंका थाने की पुलिस और स्थानीय क्राइम ब्रांच की टीम ने अमरेश सिंह बघेल को 30 सितंबर की रात बाराबंकी के हैदरगढ़ टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया था। अगले दिन कोर्ट में पेश होने के बाद बघेल को जिला जेल में भेज दिया गया था।


उक्त मामले में बलिया निवासी पीड़िता ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए तत्कालीन पुलिस अफसरों पर कई गंभीरआरोप लगाए थे। पीड़िता के गवाह साथी ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद जुलाई 2021 में वाराणसी के कैंट थाने में पीड़िता के खिलाफ पुलिस ने कूटरचना और धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) जारी किया था। 16 अगस्त को दिल्ली में किये गये आत्मदाह के दौरान भी सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो में पीड़िता द्वारा कई पुलिस अफसरों और कर्मियों के नाम सार्वजनिक किये गये थे और उन सबके अतुल राय के पक्ष में खड़ा होना बताया गया था।


इस मामले में वाराणसी के कैंट थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर राकेश सिंह और विवेचक गिरजाशंकर यादव को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि जिस जांच रिपोर्ट पर सीओ को निलंबित किया गया और मुकदमा दर्ज कराकर गिरफ्तारी हुई थी।



अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी से तत्कालीन पुलिस अफसरों की धड़कनें तेज हो गई हैं। तत्कालीन काशी जोन के एडीसीपी रह चुके विकास चन्द्र त्रिपाठी भी एसआइटी की जांच के बाद से निलंबित चल रहे हैं। वहीं, एसएसपी अमित पाठक पर भी पीड़िता ने काफी आरोप लगाए थे। इसके बाद से गाजियाबाद एसएसपी अमित पाठक को हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। 

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