अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गजट में प्रधानमंत्री के फोटो पर भी राजनीति,विवाद को तूल

 एएमयू के गजट पर मोदी के अधिक चित्र लगने से विवाद की संभावना बढ़ी!




मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।

 अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के गजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात फोटो लगाये जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष समेत अन्य छात्रों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां का गजट में अपमान किया गया है। उर्दू सेक्शन को भी खत्म करने की कोशिश की गई है। विवि प्रशासन को छात्रों ने पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है। पत्र में एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष हमजा सुफियान आदि ने कहा कि विवि ने शताब्दी वर्ष समारोह के तहत इस बार विशेष गजट जारी है।


आरोप है कि गजट को एकेडमिक न बनाकर विज्ञापन वाला बना दिया गया है। गजट में पीएम की सात और पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की तीन फोटो  हैं। वहीं विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां की महज तीन फोटो हैं। छात्रों ने कहा कि प्रबंधन निजी स्वार्थ हित में काम कर रहे हैं। गजट में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां शामिल होनी चाहिए थीं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। गजट की पीडीएफ तक जारी नहीं की गई है। हुकूमत को खुश रखने के लिए अंडर टेबल काम किया जा रहा है। एएमयू प्रशासन  को विद्यार्थियों पर दर्ज मुकदमे वापस कराने व अन्य कामों में ज्यादा ध्यान देना चाहिए।


उर्दू भाषा को गायब करने का आरोप

गजट में उर्दू को भी गायब करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि गजट उर्दू भाषा में जारी किया गया है। लेकिन इंतजामिया का कहना है कि गजट हर बार की भांति अंग्रेजी व उर्दू दोनों भाषाओं में जारी किया गया है।


एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत विशेष गजट जारी किया गया है। जिसमें शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री, शिक्षामंत्री के साथ अन्य अतिथियों के यादगार फोटो शामिल किये गये हैं। यह विश्वविद्यालय का रुटीन गजट नहीं था। ऐसे में विवाद जैसी कोई बात नहीं है। 

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