निरोग तब योग प्रीतिदिन योग जब

बस्ती,उत्तरप्रदेश


तप, साधना, योग और यज्ञ हमारी भारतीय संस्कृति के आधार हैं जिसमें तप साधना और योग स्वयं की उन्नति के लिए और हवन समस्त प्राणियों के कल्याण के लिए है। यह बिना भेदभाव के सर्वसमाज के लिए वातावरण का शोधन करता है और उन्हें निरोगी जीवन देता है। यह बातें पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल ने सिविल लाइन स्थित आवास पर आयोजित वैदिक यज्ञ के पश्चात अपने विचार व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने बताया कि हवन में दी जाने वाली आहुतियाँ जहाँ वातावरण को प्रदूषण रहित करती हैं वही हमे यह भी प्रेरणा देती हैं कि हम हवन सामग्री की भांति मिलकर व संगठित होकर समाज व राष्ट्र के लिए आपसी भेदभाव को भूलकर अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रहें। 


योग शिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय व राधेश्याम आर्य ने वैदिक मंत्रों द्वारा हवन कराते हुए कहा कि यज्ञ हमे स्वाध्याय की प्रेरणा देता है जिससे हमारा लोकव्यवहार आदर्श बन जाता है। ज्ञात हो कि आर्य समाज नई बाज़ार बस्ती द्वारा गत 22 मई से लगातार किये जा रहे कोरोना मुक्ति यज्ञ में नगर, गांव, मोहल्लों के प्रतिष्ठित व सामान्य जनमानस के साथ साथ मुख्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों का समर्थन मिला है। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाज़ार बस्ती ने बताया कि इस जनकल्याणकारी कार्यक्रम से बहुत से लोगों को यज्ञ की प्रेरणा मिली है तथा आमजनमानस के मन से महामारी का भय भी दूर हुआ है यह कार्यक्रम ऐसे जारी रहेगा।

इस अवसर पर मुख्य रूप से आदित्यनारायन गिरि, अनूप कुमार त्रिपाठी, नन्हे बाबू, राम प्रकाश, संदीप शुक्ल, आदि शामिल र

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