तीसरी लहर की कुछ अधिक खतरनाक रहने की सम्भावना!

 


तीसरी लहर खतरनाक होने की संभावना


जौनपुर। 
जिले में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत अप्रैल माह से हुई है। इस दौरान भारी संख्या में लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर और ज्यादा खतरनाक होने के अनुमान है। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चों के आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण में अभी 18 साल से ऊपर वालों को ही शामिल किया है। ऐसे में जीरो से 18 साल तक के अव्यस्कों में संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा माना जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि बच्चों को इस महामारी से बचाने के लिए अभिभावकों को समझदार बनना होगा। बच्चों में अभी से मास्क लगाने की आदत डालनी होगी। शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराना होगा और बच्चों को सीखा होगा कि हाथों को बार-बार धोना कितना जरूरी है। 
बच्चे इन नियमों पर अमल करें, इस बात पर अभिभावकों को नजर रखनी होगी। चिकित्सक बताते है कि यदि तीसरी लहर में वायरस ने अपना रूप फिर बदला तो निश्चित बच्चों के संक्रमित होने की संभावना ज्यादा होंगी। बच्चों को इस महामारी से बचाने के लिए अभिभावकों को सावधानी बरतनी होगी। बच्चे घर में ही रहते हैं, जबकि बड़े घर से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में उनसे ही संक्रमण घर के अंदर आकर बच्चों में फैलेगा। ऐसे में बड़े लोग बाहर से आने के बाद सीधे बच्चों के पास न जाएं। पहले नहा लें। कपड़ों को बदल लें। इसके बाद ही बच्चों के नजदीक जाएं। 
इसके अलावा बच्चों को कोविड नियमों का महत्व समझाएं। बच्चों को मास्क लगाने की प्रैक्टिस कराएं। बचाव के सभी तरीके अपनाने की आदत डालनी शुरू कर दें। अभी तक देखा गया है कि जो बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं थे। उन्हें आइसोलेट करके चिकित्सक की सलाह पर लक्षण के मुताबिक दवा देने से वे ठीक हो गए।

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