पचपेडिया पटेल चौक सड़क निर्माण हेतु व्यापार मंडल आंदोलन करेगा

 



बस्ती,,उत्तरप्रदेश

शहर को एनएच से जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण पचपेड़िया मार्ग वर्षों से बदहाल है। व्यापार मंडल स्थानीय नागरिकों के साथ कई बार सड़क निर्माण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर चुका है लेकिन जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय प्रशासन जनता की बुनियादी जरूरतों को गंभीरता से नही ले रहा है। यह बातें बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिपिधि मंडल के जिलाध्यक्ष व व्यापारी नेता आनंद राजपाल ने कही। वे मालवीय रोड स्थित व्यापार मंडल कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

राजपाल ने आगे कहा कि पचपेड़िया मार्ग पर बच्चों का सुधार गृह, अनेकों अस्पताल, एजेंसियां, स्कूल कालेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं, लेकिन सभी आवागमन की परेशानियों को झेल रहे हैं। 10 जून 2019 को व्यापार मंडल ने स्थानीय नागरिकों के सहयोग से धरना प्रदर्शन कर रास्ता जाम किया था। तत्कालीन उन जिलाधिकारी एसपी शुक्ल ने यह कहकर धरना समाप्त करवाया था कि सड़क निर्माण का कार्य 24 घण्टे में शुरू हो जायेगा। प्रशासन का सम्मान करते हुये धरना स्थगित कर दिया गया। 15 दिन बीत गये कोई काम शुरू नही हुआ, 24 जून 2019 को फिर धरना दिया गया।

जिलाधिकारी एसपी शुक्ल और प्रभारी ईओ घनश्याम चित्रगुप्त आये और यह कहकर धरना समाप्त करवाया कि डीपीआर भेजा गया है, काम शुरू हो जायेगा। प्रशासन का ये वादा भी झूठा निकला। 15 जुलाई 2020 को पचपेड़िया रोड पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया, जो तीन दिनों तक चला। आखिरी दिन सदर विधायक दयाराम चौधरी आये। उन्होने कहा फिलहाल के लिये सड़क को चलने लायक बना दिया जायेगा। 14 वें वित्त से सड़क पर कुछ रोड़ा आदि गिराया गया, गड्ढों की भराई हुई, सड़क कुछ दिन चली फिर गड्डों में तब्दील हो गयी। 19.91 लाख रूपया पानी में बह गया।

इसी बीच पचपेड़िया रोड का टेण्डर हो गया। 1.29 करोड़ बजट भी आ गया। लेकिन सांसद के चेहेते ठेकेदार को काम नही मिला इसलिये सड़क निर्माण शुरू नही हो पाया। कहा गया ये सड़क 1.29 करोड में नही बन पायेगी, इसलिये रोका गया है। तब से लेकर आज तक जब भी पचपेड़िया रोड के निर्माण को लेकर आवाज उठाई गयी, तरह तरह के झूठ और बहानेबाजी से गुमराह किया जाता रहा। मजबूर होकर स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पूर्व सूचना देकर 09 अप्रैल को पचपेड़िया रोड को दोनो तरफ से जाम करके विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। इसमें व्यापारियों, स्थानीय नागरिकों और छात्र छात्राओं ने बढ़चढकर हिस्सा लिया।

मौके पर एडीएम और ईओ नगरपालिका पहुंचे और पंचायत चुनाव का हवाला देकर कहे सड़क 31 मई तक पूरी तरह बन जायेगी। ईओ ने कहा नगरपालिका ने एनओसी जारी कर दिया है, प्रशासन जिस संस्था से चाहे सड़क निर्माण करा ले। पता चला अब सड़क सांसद निधि से बनेगी। इसके लिये डीआरडीओ को जिम्मेदारी मिली है। एक बार फिर प्रशासन का वादा झूठा और गुमराह करने वाला साबित हुआ। व्यापारी नेता आनंद राजपाल ने कहा कि जन प्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता तथा निकम्मेपन के चलते एक बार फिर पचपेड़िया रोड को लेकर हम फिर 30 जून को धरना प्रदर्शन को मजबूर हैं।

पूर्व में जिलाधिकारी को इस बात से अवगत करा दिया गया है। धरने में पचपेड़िया रोड के निवासी, व्यापारी और छात्र हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही हम सम्मानित मीडिया संस्थानों के माध्यम से सवाल उठाना चाहते हैं कि विगत 3 सालों में जनपद में अनेक विकास और निर्माण कार्य हुये हैं, पचेपड़िया रोड को लेकर इतनी उदासीनता क्यों ? पत्रकार वार्ता में जिला महामंत्री सूर्यकुमार शुक्ल, उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार चौरसिया, नगर अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता, नगर महामंत्री संजय अग्रहरि, युवा विंग के अध्यक्ष अर्जित कसौधन, बीडी पाण्डेय, रामप्रताप सिंह, अमित रावत, आनंद राठौर आदि मौजूद रहे।

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